मौजूदा सिस्टम में जेडीए के ही प्रशासनिक, इंजीनियरिंग, उद्यानिकी, कानून आैर टाउन प्लानिंग सहित अन्य विभागों की फाइल ट्रेकिंग की जा रही है। इनकी भी सही ढंग से माॅनिटरिंग नहीं हो रही है। इससे जेडीए में आवेदन करने वाले लोगों को ये पता नहीं लग पाता है कि उनकी फाइल कहां तक पहुंची है या कहां अटकी पडी है।
नए सिस्टम में ये होगा
जेडीए में लागू होने वाले ‘इंटरनल फाइल ट्रेकिंग’ सिस्टम में जेडीए में अाने वाली सभी फाइलों की आॅनलाइन एंट्री होगी। एंट्री के समय ही बारकोड जनरेट होगा, जाे फाइल पर लगा दिया जाएगा। फाइल जहां भी पहुंचेगी रिसीव करने वाला अधिकारी या कर्मचारी इसकी एंट्री आॅनलाइन सिस्टम पर करेगा। जिससे ये पता रहेगी कि संबंधित फाइल किस अधिकारी या कर्मचारी की टेबल पर पडी है। जेडीए की तकनीकी शाखा के टेक्नीशियंस का कहना है कि ये कोशिश की जा रही है कि लोग आॅनलाइन सिस्टम पर खुद देख सकें कि उनकी फाइल कहां तक पहुंची है। इससे लोगों को फाइल की वस्तुस्थिति के बारे में तो पता चलेगा ही, साथ ही ट्रेकिंग सिस्टम की माॅनिटरिंग भी प्रभावी ढंग से हाे पाएगी। लोग जहां पर फाइल अटकी है उसकी शिकायत कर सकेंगे आैर उसे हाथों हाथ सिस्टम से वेरिफार्इ भी किया जा सकेगा।
गायब करना भी नहीं होगा आसान जानकारों का कहना है कि जेडीए सीधे जनता से जुडा हुआ स्वायत्त संस्थान है, यहां पर अक्सर फाइलें गायब होने की शिकायतें मिलती है। लेकिन मौजूदा सिस्टम में ये पता लगाने में मुश्किल पेश आती है कि फाइल कहां से गायब हुर्इ। इसका कारण ये है कि फाइल कहां तक पहुंची आैर कहां अटकी या गायब हुर्इ इसे माॅनिटर करने का कोर्इ ठोस सिस्टम नहीं है। इंटरनल फाइल ट्रेकिंग सिस्टम लागू होने के बाद आसानी से पता लग जाएगा कि आवेदक की फाइल कहां तक पहुंची है आैर कहां अटक गर्इ या गायब हो गर्इ। नया सिस्टम जेडीए में फाइल गुम या गायब करने को बेहद मुश्किल बना देगा।
– जेडीए में इंटरनल फाइल ट्रेकिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। नए जेडीसी ने इसके लिए निर्देश दिए हैं। इसके लिए सिस्टम में बदलाव करना पडेगा आैर कुछ नर्इ चीजें एड करनी होंगी, इसमें थोडा वक्त लगेगा। सोमवार से नया सिस्टम लागू करने की दिशा में काम शुरू हो जाएगा।
दीपक बाहेती,नोडल अधिकारी, जेडीए आॅनलाइन सिस्टम