गुजरावास निवासी राजश्री प्रजापत ने बताया कि मुम्बई में काम करने वाले पति ने दूसरे धर्म की महिला से शादी कर रखी है। इसको लेकर 12-13 साल से विवाद चल रहा है। मामले को लेकर समाज में पंचायत हुई थी। भरण-पोषण के लिए समाज ने ससुराल वालों पर दण्ड लगाकर 17.50 लाख रुपए वसूले थे, लेकिन राजश्री व उसके पीहर वालों को यह राशि नहीं दी गई। उलटा तीन साल पहले उसके पिता मूलाराम व परिवार के साथ पुत्री को समाज से बहिष्कृत कर दिया था। तब से परिवार वाले समाज से बाहर हैं।
इस बीच, बुधवार को सोजत के बिलावास गांव स्थित समाज के मंदिर में समाज की नौ पट्टी की पंचायत हुई। इस पर राजश्री के पिता मूलाराम (62) पंचायत में पहुंचे और पुत्री के भरण-पोषण के 17.50 लाख रुपए और परिवार को समाज में शामिल करने की मांग की, लेकिन दिनभर पांव पर खड़ा रखने के बाद समाज के पंचों ने 25 लाख रुपए का दण्ड लगा दिया। जिसे भरने पर ही समाज में शामिल करने का फरमान जारी किया गया। यह सुन वृद्ध की हालत बिगड़ गई। पुत्री राजश्री का आरोप है कि पिता ने पंचायत के दौरान ही कोई जहरीला पदार्थ खा लिया। तबीयत खराब होने पर उन्हें नजदीक के अस्पताल ले जाया गया, जहां से फिर महात्मा गांधी अस्पताल रैफर किया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जाती है। चिकित्सकों का कहना है कि वृद्ध ने जहर खाया है। उपचार किया जा रहा है। फिलहाल इस संबंध में पुलिस में मामला दर्ज नहीं कराया गया।
अपमानित : समाज के सामने जूतों के बीच खड़े रखा
वृद्ध की पुत्री व परिजन का कहना है कि समाज ने भरण-पोषण की राशि ले ली, लेकिन उन्हें सुपुर्द नहीं की। साथ ही समाज से बहिष्कृत भी कर दिया था। राशि व समाज में वापस लेने की मांग की गई तो उलटा 25 लाख रुपए दण्ड लगा दिया गया। खेतीबाड़ी व मेहनत मजदूरी करने वाले वृद्ध इतना बड़ा दण्ड सुन सकते में आ गए और जहर खा लिया।
वृद्ध की पुत्री व परिजन का कहना है कि समाज ने भरण-पोषण की राशि ले ली, लेकिन उन्हें सुपुर्द नहीं की। साथ ही समाज से बहिष्कृत भी कर दिया था। राशि व समाज में वापस लेने की मांग की गई तो उलटा 25 लाख रुपए दण्ड लगा दिया गया। खेतीबाड़ी व मेहनत मजदूरी करने वाले वृद्ध इतना बड़ा दण्ड सुन सकते में आ गए और जहर खा लिया।