स्कूल शिक्षा परिवार के जिला प्रभारी जयशंकर त्रिवेदी ने बताया कि बच्चों को बाल वाहिनी चालक छोडकऱ चले गए। ऐसे में उनको घर भेजना संभव नहीं था। कई बच्चों के अभिभावकों ने शनिवार को जन्माष्टमी पर बच्चों को नहीं भेजने का कहकर अवकाश नहीं रखने तक को कह दिया। ऐसे में स्कूलों का संचालन करना पड़ा।
बच्चे सुबह जानकारी के अभाव में स्कूल पहुंचे। ऐसे में उनको तुगलकी फरमान पर वापस घर कैसे भेज सकते थे। इस पर हमने अवकाश नहीं रखा। -केके शर्मा, अध्यक्ष, निजी शिक्षण संस्थान विकास समिति, पाली
बच्चों का प्रथम परख का कार्यक्रम तय था। इस कारण सुबह बच्चे स्कूल आ गए। उनको घर नहीं भेज सकते थे। इस कारण स्कूल का संचालन करना पड़ा। -राजेन्द्रसिंह राजपुरोहित, निजी स्कूल संचालक
बच्चों के साथ सुबह कई अभिभावक स्कूल आए। उनका कहना था कि जन्माष्टमी शनिवार को है। ऐसे में आज आप स्कूल में पढ़ाए। कई बच्चे वाहनों से आए। इस कारण स्कूल संचालित करनी पड़ी। -राजेन्द्रसिंह भाटी, निजी स्कूल संचालक
बच्चों व शिक्षकों को अवकाश का पता लग गया था। जो सोशल मीडिया से जुड़े नहीं है। वहां सरकारी स्कूल में भी कुछ शिक्षक पहुंचे थे। वे बाद में लौट गए। -जगदीशचंद्र राठौड़, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक), मुख्यालय, पाली