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2022 तक किसानों व पशुपालकों की आय दुगुनी करने का दावा, यहां दो चरणों में चलेगा अभियान

locationपालीPublished: Aug 23, 2019 07:00:42 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-पशुपालकों की आय बढ़ाने नस्ल सुधार व कृत्रिम गर्भाधान पर दिया जाएगा जोर
Artificial insemination campaign : -पाली जिले के 100 गांवों का चयन कर मादा पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान कराएंगे

2022 तक किसानों व पशुपालकों की आय दुगुनी करने का दावा, यहां दो चरणों में चलेगा अभियान

2022 तक किसानों व पशुपालकों की आय दुगुनी करने का दावा, यहां दो चरणों में चलेगा अभियान

पाली। Artificial insemination campaign : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक किसानों व पशुपालकों की आय दुगुनी करने का दावा किया है। इस दावे को अमीलाजामा पहनाने के लिए पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य विभाग ने कवायद शुरु कर दी है। पशुपालन विभाग जिलेभर में अभियान चलाकर कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से दुधारु पशुओं का आनुवाशिंक उन्नयन करेगा। उन्नत मादा देशी नस्लों का कृत्रिम गर्भाधान कर दूध उत्पादन बढ़ाया जाएगा। दूध उत्पादन बढऩे से पशुपालकों की आय में इजाफा होगा।
दूध उत्पादन बढ़ेगा
देशी पशुओं का नस्ल सुधार होने से दूध उत्पादन बढ़़ेगा। पशुपालक में भी जागरूकता बढ़ेगी। नस्ल सुधार से पशुओं का दूध दुगुना होगा। दूध उत्पादन बढऩे से पशुपालकों की आय बढऩे से उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।
सौ गांवों में अभियान चलेगा
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक देशी मादा पशुओं में दूध का अधिक उत्पादन करने के लिए कृत्रिम नस्ल सुधार किया जाएगा। जिले के सौ गांवों का चयन किया जाएगा। प्रत्येक गांव में 100 मादा पशुओं का नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक जिले में 10 हजार मादा पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान करने का लक्ष्य तय कर रखा है।
पहला चरण एक से
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह अभियान दो चरणों में क्रियान्वित किया जाएगा। प्रत्येक चरण की अवधि तीन माह होगी। प्रथम चरण 1 सितम्बर से 30 नवम्बर तक चलेगा। दूसरा चरण 15 दिसम्बर से 15 मार्च 2020 तक। कृत्रिम गर्भाधान करने वाले कर्मचारी को प्रत्येक पशु पर 50 रुपए का मानदेय मिलेगा। एक साल बाद अच्छे नस्ल का बच्चा होने पर कर्मचारी को 100 रुपए और दिए जाएंगे।
नस्ल सुधार होगा
दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए देशी मादाओं का कृत्रिम गर्भाधान किया जाएगा। इससे नस्ल सुधार के साथ दूध उत्पादन भी बढ़ेगा। पशुपालकों की आय दुगुनी होगी। नस्ल सुधार के लिए दो चरणों में अभियान चलाया जाएगा। नस्ल सुधार से पशुपालकों को काफी फायदा होगा। -डॉ. चक्रधारी गौतम, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, पाली
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