
स्कूल शिक्षा व साक्षरता विभाग राजकीय व गैर राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों की अपार आइडी बना रहा है। ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) में विद्यार्थियों की पूरी शैक्षणिक उपलब्धि को एक साथ रखा जा सकेगा। यह आइडी 12 अंक की होगी। इससे विद्यार्थी के पूरे जीवन में यूनिक शैक्षणिक पहचान के रूप में रहेगी। प्रदेश स्तर पर पाली जिला यह आइडी बनाने पर छठे नंबर पर है, लेकिन जिले के निजी स्कूल व मरदसा इसमें रुचि नहीं रहे हैं।
पाली जिले में निजी स्कूलों ने अभी तक महज 4 फीसदी विद्यार्थी की आइडी बनाई है। जिले के 9 ब्लॉक में 2249 विद्यालय हैं। इनमें 1381 सरकारी तथा 868 निजी विद्यालय व मदरसा हैं। इन विद्यालयों व मदरसा में पढ़ने वाले जिले के 3 लाख 41 हजार 977 विद्यार्थियों की अपार आईडी बनाई जानी है। जिले में अभी तक 22.45 प्रतिशत विद्यार्थियों की आइडी बनाई गई है। इनमें सरकारी स्कूलों का योगदान 37.24 प्रतिशत है। वहीं मदरसा व निजी स्कूल का केवल 4 प्रतिशत ही योगदान है।
अपार आइडी को लेकर बैठक की गई। इसमें जिला कलक्टर एलएन मंत्री ने एक सप्ताह में निजी स्कूलों की ओर आइडी बनाने का कार्य शुरू नहीं करने वाले निजी विद्यालयों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
अपार आइडी के माध्यम से विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति को ट्रेक किया जाएगा। इसके साथ ही ड्रॉप आउट विद्यार्थियों को फिर शिक्षा से जोड़ने में मदद करेगी। अपार आइडी में हर विद्यार्थी का पूरा व स्थाई अभिलेख रहेगा, जिसमें पाठयक्रम, अंक तालिका, प्रमाण पत्र व अन्य उपलब्धियां शामिल होंगी। इसे डिजी लॉकर से भी जोड़ा जाएगा। विद्यार्थियों के शैक्षणिक परिणामों, छात्रवृत्तियों, लाभकारी कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग प्रशासनिक स्तर पर संभव होगी।
Updated on:
22 Nov 2024 12:07 pm
Published on:
22 Nov 2024 11:58 am
बड़ी खबरें
View Allपाली
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
