भागवत में कथा वाचक डाॅ. रामप्रसाद महाराज ने बताया कि कलयुग में केवल राम नाम की महिमा है। निरंतर राम का नाम लेने से मोक्ष मिलता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में संतों ने कई वर्षों तक तप कर सभी चक्रों पर विजय प्राप्त कर चारों वेदों को कंठस्थ किया। उनकी कठोर तपस्या से अर्जित ज्ञान का अनुभव हमारे धार्मिक ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजन के पुण्य का लाभ हर किसी के भाग्य में नहीं है।
कथा में आयोजक कालूराम माली का माली समाज की ओर से अभिनंदन किया गया। इस दौरान राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत, जैतारण विधायक अविनाश गहलोत, चेतन गिरी महाराज, पानी देवी पत्नी रतनाराम जमोदिया, शशि देवी, कालूराम जमोदिया, किरण नरेन्द्र जमोदिया, खुशयाली चेतन जमोदिया, मंजू उमेश जमोदिया, हिम्मतराज शर्मा, अशोक जांगला, प्रकाशचंद भाटी, लक्ष्मीकांत भाटी, विजय पूनिया, ओमप्रकाश मंडोरा, ललित व्यास, अनिल शर्मा, अधिवक्ता अरविन्द सोलंकी, कानाराम परिहार, राकेश व्यास, महेन्द्र शिवधारा, चौथाराम भाटी, ओमप्रकाश वैष्णव, कुणाल शर्मा व ग्रामीण मौजूद रहे।
मायरे में किया गोदान
श्रीमद्भागवत कथा के समापन के बाद नानीबाई रो मायरो का आयोजन किया गया। नरसिंह भगवान के नानीबाई का मायरे भरने के प्रसंग पर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। श्रद्धालुओं ने मायरे में गोदान के लिए लाखों रुपए का चढ़ावा चढ़ाया।
श्रीमद्भागवत कथा के समापन के बाद नानीबाई रो मायरो का आयोजन किया गया। नरसिंह भगवान के नानीबाई का मायरे भरने के प्रसंग पर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। श्रद्धालुओं ने मायरे में गोदान के लिए लाखों रुपए का चढ़ावा चढ़ाया।