scriptबीकानेर व फलोदी क्षेत्र की भट्टियां जहरीली कर रही है दिवाली की मिठास | Bikaner and Phalodi region are poisoning the sweetness | Patrika News

बीकानेर व फलोदी क्षेत्र की भट्टियां जहरीली कर रही है दिवाली की मिठास

locationपालीPublished: Oct 10, 2019 11:00:54 pm

Submitted by:

Rajeev

– नकली मावे की खेप मारवाड़ में खपाने की तैयारी- हजारों किलो नकली मावा तैयार होने की खबर के बाद

बीकानेर व फलोदी क्षेत्र की भट्टियां जहरीली कर रही है दिवाली की मिठास

बीकानेर व फलोदी क्षेत्र की भट्टियां जहरीली कर रही है दिवाली की मिठास

चैनराज भाटी
पाली. बीकानेर. प्रदेशभर में नकली मावे का कारोबार करने वाले गिरोह दीपावली को देखते हुए फिर सक्रिय हो गए हैं। गुर्दे व लीवर के लिए खतरनाक यह नकली मावा बीकानेर व फलोदी क्षेत्र से पैक होकर मारवाड़ के कई जिलों में पहुंचने की तैयारी में है। ऐसी सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। उधर, बीकानेर जिले में एक दिन की कार्रवाई के दौरान 18 टन नकली और दूषित मावा जब्त किया गया है। मिठाई, मावा, घी व नमकीन उत्पादन में बीकानेर देश के अग्रणी रहा है। यहां मिठाई व मावे का कारोबार बारह मास चलता है। लूणकरनसर, श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के गांवों में मावा बनाने के बायलर लगे हैं, जबकि नकली घी बनाने के लिए नोखा कस्बा बदनाम है। इसी तरह जोधपुर के फलोदी व लोहावट के पीलवा क्षेत्र में मावा का कारोबार दशकों से है। फलोदी के बड़ली कला में भी कई वर्षों से मावे का कारोबार होता है। इसलिए मारवाड़ क्षेत्र के लगभग सभी शहर और कस्बों में इन क्षेत्रों से मावे की आपूर्ति होती है।
यूं समझें गणित
पाली भी मिठाई का गढ़ है। सामान्य दिनों में यहां मावे की करीब चार हजार किलो मिठाइयां बनती है। सरस डेयरी वर्तमान में 70 हजार लीटर दूध प्रतिदिन आपूर्ति करती है, वहीं 30 हजार लीटर दूध निजी डेयरी या अन्य दूधियों से प्राप्त होता है। इस तरह रोज पाली में करीब एक लाख लीटर दूध की आवक है। दीपावली पर मावे की मिठाई की मांग चार गुना बढ़ जाती है। दूसरी तरफ बीकानेर में 7 से 8 लाख लीटर रोजाना दूध का उत्पादन हो रहा है। बाहर से मावा और घी की आपूर्ति के साथ ही अब दूध की मांग 15 लाख लीटर हो गई है, जिसकी पूर्ति नकली मावा, नकली देशी घी तैयार करने वाले करते हैं।
दीपावली पर बम्पर मांग

दीपावली की मावे की जबरदस्त मांग को देखते हुए बीकानेर, फलोदी क्षेत्र में नकली मावे का कारोबार भी शुरू हो जाता है। यहां से नकली मावा तैयार होकर टीन पैकिंग में प्रदेश के कई जिलों और दिल्ली, अहमदाबाद तक भेजा जाता है। इस बार भी नकली मावे की भट्टियां शुरू हो चुकी हैं। बीकानेर क्षेत्र से जोधपुर, पाली, जालोर, सिरोही की तरफ आने वाली निजी बसों में या अन्य साधनों से यह खेप भेजी जाती हैं।
गुर्दे व लीवर के लिए खतरनाक
नकली मावे से बनी मिठाइयां स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इनमें जहरीले तत्व होते हैं जो गुर्दा व लीवर को नुकसान पहुंचाता है। कैंसर कोशिकाएं तक विकसित हो जाती हैं। ऐसे में त्योहारों पर सावधानी से मिठाइयों का इस्तेमाल करना चाहिए।
-डॉ. एचएम चौधरी, मेडिकल कॉलेज, पाली
दीपावली को लेकर अलर्ट हैं

हां, जानकारी में आया है कि बीकानेर व फलोदी क्षेत्र से नकली मावे की खेप यहां पहुंचाने की तैयारी है। अब तक निजी बसों के जरिए ही ये यहां पहुंचता है। उन पर नजर रखी जा रही है। अपना सूचना-तंत्र मजबूत करने के साथ आमजन की मदद ली जाएगी। ताकि किसी की दीपावली नहीं बिगड़े।
-दिलीप सिंह यादव, जिला खाद्य अधिकारी पाली

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