इस अनोखी शादी में रायपुर मारवाड़ निवासी वर्षा पुत्री मनोहरलाल की शादी पांचवा खुर्द निवासी हेमंत पुत्र प्रेमाराम से हुई। सादगी भरी इस शादी में स्टेज भी नहीं लगाया गया। दूल्हा-दुल्हन को नीचे चटाई पर बैठाया। फेरों के बजाय संत की गुरुवाणी (रमेणी) के द्वारा दोनों युवा विवाह बंधन में बंध गए।
नाश्ते में चाय बिस्किट
खास बात यह रही कि उपस्थिति लोगों को चाय बिस्किट का ही नाश्ता करवाया गया। मेहमानों ने भी परिवार के इस फैसले का स्वागत किया। दूल्हा-दुल्हन का कहना है कि दहेज जैसी सामाजिक बुराई को समाज से उखाडऩे के लिए एवं शादी में दिखावे पर होने वाली फिजूलखर्ची को रोका जरूरी है।
खास बात यह रही कि उपस्थिति लोगों को चाय बिस्किट का ही नाश्ता करवाया गया। मेहमानों ने भी परिवार के इस फैसले का स्वागत किया। दूल्हा-दुल्हन का कहना है कि दहेज जैसी सामाजिक बुराई को समाज से उखाडऩे के लिए एवं शादी में दिखावे पर होने वाली फिजूलखर्ची को रोका जरूरी है।
अभी तक हुई तीन जिलों में 15 शादियां कबीरपंथ को मानने वाले सोहन पंवार ने बताया पिछले तीन वर्षों में पाली जिले में ऐसी सादगीपूर्ण आठ शादियां हुई है। जालोर जिले में छह व सिरोही जिले में एक शादी हुई। पाली के साथ ही जालोर व सिरोही जिलों में ऐसे हजारों लोग है, जो आडम्बर मुक्त जीवन जीते है और नशे से दूर रहते है। उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य बाहरी आडम्बरों से बचकर भक्ति के जरिए जीवन की पूर्णता को प्राप्त करना है।