सीइटीपी के अधीन कुल पांच ट्रीटमेंट प्लांट संचालित है। इनमें पानी का डिस्चार्ज छह नंबर से ही होता है। प्लांट संख्या दो और चार भी उपयोग में आ रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र से टैंकरों द्वारा फैक्ट्रियों का रासायनिक पानी प्लांट संख्या चार तक पहुंचाया जा रहा है। इसके बाद प्लांट संख्या छह में पानी ट्रीट करने के लिए भेजा जा रहा है।
12 एमएलडी के हैं दोनों प्लांट
प्लांट संख्या 4 व 5 की क्षमता 12 एमएलडी है। दोनों प्लांटों को अपगे्रड करने के लिए बीओटी पर टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। इस नीति में पहले कंपनी खर्च उठाती है और बाद में वसूल करती है। निर्धारित अवधि के बाद प्लांट ट्रस्ट को सुपुर्द किए जाते हैं। सीइटीपी भी ऐसी ही कंपनियों की तलाश कर रही है जो पहले जेडएलडी का खर्च वहन कर ले।
प्लांट संख्या 4 व 5 की क्षमता 12 एमएलडी है। दोनों प्लांटों को अपगे्रड करने के लिए बीओटी पर टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। इस नीति में पहले कंपनी खर्च उठाती है और बाद में वसूल करती है। निर्धारित अवधि के बाद प्लांट ट्रस्ट को सुपुर्द किए जाते हैं। सीइटीपी भी ऐसी ही कंपनियों की तलाश कर रही है जो पहले जेडएलडी का खर्च वहन कर ले।
अपना सकते हैं एमवीआर तकनीक
कपड़ा नगरी में प्रयोग के तौर पर शुरू हो रहे एमवीआर प्लांट पर सभी उद्यमियों की नजर है। सीइटीपी ने भी जेडएलडी के लिए कौन-सी तकनीक उपयोग में ली जाएगी, इसका खुलासा नहीं किया है। यदि एमवीआर तकनीक सफल रही तो सीइटीपी भी इसी तकनीक को तरजीह दे सकती है। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के प्लांट के परिणाम का बेसब्री से इंतजार है। अगले एक सप्ताह में प्लांट शुरू होने की पूरी संभावना है।
कपड़ा नगरी में प्रयोग के तौर पर शुरू हो रहे एमवीआर प्लांट पर सभी उद्यमियों की नजर है। सीइटीपी ने भी जेडएलडी के लिए कौन-सी तकनीक उपयोग में ली जाएगी, इसका खुलासा नहीं किया है। यदि एमवीआर तकनीक सफल रही तो सीइटीपी भी इसी तकनीक को तरजीह दे सकती है। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के प्लांट के परिणाम का बेसब्री से इंतजार है। अगले एक सप्ताह में प्लांट शुरू होने की पूरी संभावना है।
इधर, हौदियां ओवरफ्लो होने को लेकर पुनायता औद्योगिक क्षेत्र को फटकार
पाइप लाइन की मरम्मत के अभाव में ओवरफ्लो हो रही हौदियों के मसले पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने फटकार लगाई है। मंडल ने पुनायता औद्योगिक क्षेत्र को पाइप लाइन की मरम्मत जल्द कराने के निर्देश दिए हैं। पाइप लाइन जल्द दुरुस्त नहीं की गई तो क्लोजर भी कराया जा सकता है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल की हिदायत के बाद पंप से पानी लिफ्ट किया जा रहा है। आरओ अमित शर्मा ने बताया कि पाइप लाइन की समस्या पुरानी है। इसको ठीक करने की हिदायत दी है।
पाइप लाइन की मरम्मत के अभाव में ओवरफ्लो हो रही हौदियों के मसले पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने फटकार लगाई है। मंडल ने पुनायता औद्योगिक क्षेत्र को पाइप लाइन की मरम्मत जल्द कराने के निर्देश दिए हैं। पाइप लाइन जल्द दुरुस्त नहीं की गई तो क्लोजर भी कराया जा सकता है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल की हिदायत के बाद पंप से पानी लिफ्ट किया जा रहा है। आरओ अमित शर्मा ने बताया कि पाइप लाइन की समस्या पुरानी है। इसको ठीक करने की हिदायत दी है।
इधर, पुनायता औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों का कहना है कि पाइप लाइन की मरम्मत कराने की जिम्मेदारी रीको की है, लेकिन वह ध्यान नहीं दे रहा। मंगलवार को उद्यमियों की रीको अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई। पुनायता औद्योगिक क्षेत्र एसोसिएशन के विनय बंब ने बताया कि पाइप लाइन पुरानी है। इस कारण चौक होने की परेशानी रहती है। रीको अधिकारियों से पाइप लाइन बदलने का आग्रह किया है। हौदियों के आसपास सफाई करवा दी गई है। पाइप लाइन को भी दुरुस्त करने के लिए टीमें लगा रखी है।
हां, टेंडर जारी किए
प्लांट संख्या 4 व 5 को अपग्रेड करने के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। एक माह की अवधि के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्लांट में कौन-सी तकनीक काम में ली जाएगी इसका फिलहाल खुलासा नहीं किया है। -अशोक लोढ़ा, सचिव, सीइटीपी
प्लांट संख्या 4 व 5 को अपग्रेड करने के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। एक माह की अवधि के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्लांट में कौन-सी तकनीक काम में ली जाएगी इसका फिलहाल खुलासा नहीं किया है। -अशोक लोढ़ा, सचिव, सीइटीपी