मंडल सभागार में दोपहर करीब तीन बजे शुरू हुई बैठक में सीइटीपी पदाधिकारियों ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि वे जेडएलडी लगाने के तैयार है, लेकिन केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय की आइपीडीएस योजना के तहत आर्थिक मदद दिलाने में राज्य सरकार भी सहयोग करें। उन्होंने चेंज ऑफ मशीनरी के नियमों पर पुनर्विचार करने और प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा सीइटीपी पर लगाई गई एक करोड़ की पैनल्टी में रियायत देने की मांग भी उठाई। सीइटीपी पदाधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया कि वे मंडल और एनजीटी के आदेशों की शत-प्रतिशत पालना करेंगे। बोर्ड चेयरमैन गोयल ने उद्यमियों की मांगों पर पुनर्विचार करने का आश्वासन देते हुए एनजीटी के निर्देशों की सख्ती से पालना करने के निर्देश दिए। डंपिंग यार्ड में भरी स्लज का निस्तारण करने और जेडएलडी के लिए जल्द कदम उठाने की हिदायत दी। बैठक के दौरान अध्यक्ष अनिल गुलेच्छा और सचिव अरुण जैन ने कपड़ा उद्योग के मौजूदा हालात और विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। इस दौरान कोषाध्यक्ष सुरेश गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष अनिल मेहता, सज्जन धारीवाल, सूर्यप्रकाश चौपड़ा, राकेश अखावत समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
सीएम सचिव रांका से मुलाकात सीइटीपी पदाधिकारियों ने बैठक के बाद मुख्यमंत्री के सचिव कुलदीप रांका से मुलाकात की। उन्होंने पाली के कपड़ा उद्योग को उबारने और विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए सरकार से सहयोग की उम्मीद जताई। रांका ने आश्वस्त किया और नियमों की पालना के निर्देश दिए। इस दौरान पूर्व सभापति केवलचंद गुलेच्छा, सज्जन धारीवाल, अरुण जैन व सुरेश गुप्ता भी मौजूद रहे।