पालीPublished: Jul 10, 2023 08:53:58 pm
Rajeev Dave
चातुर्मास महोत्सव
साध्वी नीलांजना ने कहा कि जिनवाणी आत्मा की मलीनता को धोती है। वे सोमवार को जिनकुशल सूरि जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ की ओर से मरुधर केसरी भवन में आयोजित चातुर्मास महोत्सव के तहत प्रवचन कर रही थी। उन्होंने कहा कि वर्षा धरती की उष्णता को शीतलता में बदलती है। उसी प्रकार प्रभु वाणी की वर्षा हमारी आत्मा के क्रोध, मान, माया, लोभ आदि कषायों को दूर कर शांति और समाधि प्रदान करती है। वर्षा गरीब, अमीर, महल, झोपड़ी का भेदभाव नहीं करती। वह चारों तरफ एक समान बरसती है। उसी प्रकार जिनवाणी भी बिना भेदभाव के बरसती है। इसे जो हृदय के पात्र में धारण करता है, वहीं आत्मा की प्यास को बुझा पाता है। चातुर्मास कमेटी के सह संयोजक प्रेम प्रकाश धारीवाल ने बताया कि प्रवचन में जगदीश बोथरा, रतनलाल आरडी, जगदीश मालू, केशरीमल छाजेड़, विनोद सेठिया, राजेश मालू आदि मौजूद रहे।
संत चलते-फिरते तीर्थ: संत गोविन्दराम
शहर के आदर्श नगर िस्थत रत्नेश्वर महादेव मंदिर में सत्संग सेवा समिति की ओर से आयोजित चातुर्मास में सोमवार को श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ का पूजन किया। वहां प्रवचन करते हुए संत गोविन्दराम ने संतों की महिमा का बखान करते हुए कहा कि संत चलते-फिरते तीर्थ है। जो भक्तों को दर्शन देने व उनके कष्टों को दूर करने के लिए उनके घर तक पहुंच जाते हैं। संत काल, झाल व यम चोट को दूर भगा देते हैं। संत अपने भक्तों को बिना भेदभाव के सर्वस्व देते हैं। उन्होंने भगवान शिव की महिमा सुनाई। प्रवक्ता अम्बालाल सोलंकी ने बताया कि कथा में ईश्वरसिंह चारण, हुकमसिंह राजपुरोहित, प्रकाशचन्द शर्मा, नरेन्द्रसिंह राजपुरोहित, भंवरलाल निम्बार्क, विजयराज सोनी, बंशीलाल वैष्णव, अमराराम जांगिड़, विजयशंकर नाग, अर्जुनसिंह चम्पाखेडी आदि मौजूद रहे।