एक्सीडेंट हो गया, तीन दिन बाद उपचार पाली निवासी हेमंत का 17 मई को एक्सीडेंट हो गया। वह गंभीर घायल हो गया। उसे पाली के सबसे बड़े बांगड़ अस्पताल में भर्ती कराया। यहां चिरंजीवी योजना के सारे दस्तावेज दिए और तत्काल अपलोड कर दिए, लेकिन अस्पताल वाले कह रहे थे कि जब तक सरकार से अप्रूव नहीं आएगा, वे इला•ा नहीं कर सकते। वह तड़पता रहा, उसके पांच फ्रेक्चर थे। दो दिन तक सरकार से अप्रूव नहीं आई। 19 मई को वह निजी अस्पताल गया, इफेंक्शन का खतरा बढ़ गया। वहां अप्रुवल आई और उपचार हुआ।
पथरी के ऑपरेशन के लिए दो दिन भटकते रहे पाली जिले के देसूरी क्षेत्र की करणवा गांव निवासी नारंगी देवी को पथरी की शिकायत थी। वह दो दिन तक शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती होकर चिरंजीवी योजना में उपचार का इंतजार करती रही, लेकिन अस्पताल प्रशासन इसकी अप्रुवल नहीं आने का कहते हुए उसका ऑपेरशन टालते रहे। दो दिन बाद परेशान होकर वह पाली शहर के अन्य निजी अस्पताल में गई, वहां योजना के तहत उसका उपचार हुआ। समय पर उपचार नहीं मिलने से दो दिन तक वह तड़पती रही।
28 सरकारी व 12 निजी अस्पताल पंजीकृत चिकित्सा विभाग का दावा है कि पाली जिले में कुल सवा छह लाख परिवार है। इनमें से सवा चार लाख परिवार इस योजना से रजिस्स्र्ट हो चुके हैं। दो लाख परिवारों का अभी पंजीकरण होना है। जिले के 28 सरकारी व 12 निजी अस्पताल इस योजना के तहत उपचार के लिए रजिस्टर्ड किए गए हैं। लेकिन हकीकत यह है कि मरीजों का योजना के तहत समय पर उपचार नहीं मिलता।
गरीबों को नहीं मिल रहा फायदा भाजपा नेता राकेश पंवार ने बताया कि राज्य सरकार की चिरंजीवी यो•ाना की स्थिति जमीन पर यह है की आमजन $गरीब व्यक्ति को अस्पताल में समय पर लाभ नहीं ले पा रहा है। रोजाना अप्रूव नहीं मिलने की स्थिति में बड़ी संख्या में लोगों को ऑपरेशन टाले जा रहे हैं। इसमें लापरवाही बरती जा रही है। चिकित्सा मंत्री और मुख्यमंत्री को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।
फैक्ट फाइल
कुल परिवार पाली में
6.25 लाख
योजना में रजिस्टर्ड परिवार – 4.25 लाख
बीमा- 10 लाख रुपए तक का उपचार का
सरकारी अस्पताल रजिस्टर्ड- 28
निजी अस्पताल
रजिस्टर्ड – 12 कोई तकनीकि दिक्कत होगी
कुल परिवार पाली में
6.25 लाख
योजना में रजिस्टर्ड परिवार – 4.25 लाख
बीमा- 10 लाख रुपए तक का उपचार का
सरकारी अस्पताल रजिस्टर्ड- 28
निजी अस्पताल
रजिस्टर्ड – 12 कोई तकनीकि दिक्कत होगी
इस योजना में अप्रुवल जैसा कुछ नहीं है। हो सकता है मरीजों की पॉलिसी एक्टिव नहीं होगी या तकनीकी खराबी सिस्टम में होगी। पाली में सवा चार लाख परिवार इससे जुड़े हुए हैं और वे इसका फायदा उठा रहे हैं। किसी को दिक्कत है तो वे हमारे कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं। – डॉ. विकास मारवाल, सीएमएचओ, पाली।