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ठोस कचरा प्रबंधन में फिसड्डी हैं राजस्थान के शहर, जानिए क्यों

locationपालीPublished: Mar 27, 2023 06:29:17 pm

Submitted by:

Jaggo Singh Dhaker

देशभर के शहरों में रोज निकलने वाले ठोस अपशिष्ट का निस्तारण करने के लिए प्लांट लगाए गए हैं, लेकिन अभी केवल छत्तीसगढ़, चड़ीगढ़ और दादर नागर हवेली और दमन दीव संघ में ही 100 प्रतिशत प्रोसेसिंग हो रही है।
 

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पाली. देशभर के शहरों में रोज निकलने वाले ठोस अपशिष्ट का निस्तारण करने के लिए प्लांट लगाए गए हैं, लेकिन अभी केवल छत्तीसगढ़, चड़ीगढ़ और दादर नागर हवेली और दमन दीव संघ में ही 100 प्रतिशत प्रोसेसिंग हो रही है। मध्यप्रदेश में 99 प्रतिशत कचरे की प्रोसेसिंग हो रही है। राजस्थान इसमें बहुत पीछे है। इसलिए कचरे के ढेर नहीं हट रहे हैं। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में रोज औसत 152245 मीट्रिक टन ठोस अवशिष्ट का उत्पादन हो रहा है। इसमें से औसत 75 प्रतिशत अपशिष्ट की ही प्रोसेसिंग हो पा रही है। राजस्थान में रोज औसत 5,820 मीट्रिक टन नगरीय ठोस अपशिष्ट उत्पादित हो रहा है। इसमें से केवल 48 प्रतिशत अवशिष्ट का ही शोधन हो पा रहा है।
पाली नगर परिषद क्षेत्र में रोज 45.94 एमटी ठोस अपशिष्ट निकलता है। इसमें से 6.29 एमटी यानी 14 प्रतिशत की ही प्रोसेसिंग हो पाती है, लेकिन एक माह से प्लांट ही बंद है।
यहां 100 प्रतिशत प्रोसेसिंग
पिछले सालों में स्वच्छता रैंक में देशभर में अव्वल रहने वाले इंदौर और भोपाल में नगर निगम के टिपर के माध्यम से परिवहन होने वाले कचरे की 100 प्रतिशत प्रोसेसिंग की जा रही है। इंदौर में 948.60 और भोपाल में 813.80 मीट्रिक टन नगरीय ठोस अपशिष्ट निकलता है। राजस्थान में जोधपुर नॉर्थ नगर निगम में रोज 180.26 एमटी ठोस कचरा निकलता है। इसकी 100 प्रतिशत प्रोसेसिंग हो रही है। कोटा नॉर्थ नगर निगम में 85.77 एमटी ठोस कचरा निकलता है। यहां भी रिपोर्ट के अनुसार 100 प्रतिशत प्रोसिसिंग हो रही है।
यहां प्रोसेसिंग शून्य है
नगर पालिका-कितना अपशिष्ट निकलता है
जैतारण 8.78 एमटी
सादड़ी 10.58 एमटी
सोजत 18.06 एमटी

फालना 5.16 एमटी
जालोर 22.94 एमटी
सांचौर 0.52 एमटी
जावाल 3.23 एमटी

मारवाड़ में यहां प्रोसेसिंग में पिछड़े
बाली नगर पालिका में 7.74 एमटी कचरा निकलता है। इसमें से 0.15 एमटी की प्रोसेसिंग यानी 2 प्रतिशत ही होती है। रानी नगर पालिका में 5 एमटी कचरा निकलता है। इसमें से 2.39 एमटी यानी 48 प्रतिशत की प्रोसेसिंग होती है। सुमेरपुर नगर पालिका में 11.13 एमटी में से 74 प्रतिशत की प्रोसेसिंग होती है। आबूरोड नगर पालिका में 15.97 एमटी में 8.13 एमटी यानी 51 प्रतिशत की प्रोसेसिंग होती है। भीनमाल नगर पालिका में 8.06 एमटी में 4.84 एमटी यानी 60 प्रतिशत की प्रोसेसिंग होती है। जोधपुर साउथ 232.26 एमटी में से 151.29 एमटी यानी 65 प्रतिशत कचरे की प्रोसेसिंग होती है। जयपुर हेरिटेज नगर निगम में 683.00 एमटी में 478.26 यानी 70 प्रतिशत ठोस कचरे की प्रोसेसिंग होती है।
ये राज्य पीछे
नागालैंड में 3 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 10 प्रतिशत, पुदुचेरी में 11 प्रतिशत कचरे की प्रोसेसिंग होती है। वहीं मेघालय और मिजोरम में यह शून्य है।

यह योजना
भारत सरकार ने 2 अक्टूबर 2014 से स्वच्छता मिशन शुरू किया था। इसके तहत नगरीय ठोस अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाना है। मिशन को 1 अक्टूबर 2021 को 2026 तक के बढ़ा दिया है। इसके तहत कचरे का पृथ्थकरण करना, बिजली और खाद बनाने जैसे विकल्पों पर कार्य करना है।
पाली में पिछले 1 माह से बंद है प्लांट
पाली में ठोस कचरा निस्तारण का प्लांट पिछले एक माह से बंद है, ठेकेदार ने काम बंद कर रखा है। इसे वापस शुरू करवाने के लिए ठेकेदार से वार्ता की जा रही है।
-कलीम अशरद, एक्सईन, नगर परिषद, पाली

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