script

जानिए क्यों है भाजपा के गढ़ में कांग्रेस बैचेन

locationपालीPublished: Jul 14, 2020 10:38:30 am

Submitted by:

rajendra denok

– प्रदेश में सियासी घटनाक्रम से कांग्रेस नेताओं की धडकऩें तेज

जानिए क्यों है भाजपा के गढ़ में कांग्रेस बैचेन

जानिए क्यों है भाजपा के गढ़ में कांग्रेस बैचेन

-राजेन्द्रसिंह देणोक
पाली। प्रदेश में सियासी घमासान से स्थानीय स्तर पर भी कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ गई है। जिलों में गहलोत-पायलट खेमों में सुगबुगाहट चरम पर है। खासतौर से उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों में बैचेनी बढ़ी हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पक्ष में सौ से ज्यादा विधायकों के आने के बाद उन्हें अपना राजनीतिक भविष्य दांव पर दिख रहा है। हालांकि, अभी पायलट के अगले कदम का इंतजार है। अधिकांश कांग्रेस नेता चुपचाप समूचे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। वहीं, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सोशल मीडिया पर खुलकर पायलट के समर्थन में आए हैं। उन्होंने फेसबुक पोस्ट से पायलट के कदम को सही ठहराया है।
छह विधानसभा क्षेत्र वाला पाली जिला भाजपा का गढ़ है। यहां वर्तमान में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। छह में से एक सीट पर निर्दलीय का कब्जा है। उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष पायलट के बगावती तेवर के बाद भाजपा के गढ़ में कांग्रेस की बैचेनी बढ़ी हुई है। अशोक गहलोत सरकार राजनीतिक संकट से उबर पाएगी या नहीं अथवा सचिन पायलट का अगला रुख क्या होगा, पिछले दो-तीन दिन से हर किसी के जेहन में यही सवाल उठ रहा हैं। खासतौर से पायलट समर्थकों को अपने भविष्य को लेकर चिंता सता रही है।
गहलोत का दबदबा, पायलट के भी है कई करीबी
जोधपुर संभाग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह क्षेत्र माना जाता है। इस लिहाज से पाली जिले में भी गहलोत का दबदबा है। यहां अधिकांस कांग्रेस नेता गहलोत से सीधे जुड़े हुए हैं। हालांकि, उपमुख्यमंत्री पायलट से करीबी नेताओं की भी संख्या कम नहीं है। पायलट पीसीसी अध्यक्ष होने के कारण उनके समर्थक यहां पूरी तरह से सक्रिय है। कांगे्रस जिलाध्यक्ष चुन्नीलाल चाड़वास उनके खुले समर्थक है। प्रदेश सचिव शोभा सोलंकी और सोमेन्द्र गुर्जर, खनन प्रकोष्ठ अध्यक्ष दुर्गासिंह राठौड़, पीसीसी सदस्य चंदनसिंह बारवा समेत कई नेता पायलट खेमे के माने जाते हैं।
गहलोत ने संभाली थी चुनावी कमान, पायलट की एक भी रैली नहीं
विधानसभा चुनावों में भी पाली जिले की चुनावी कमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ही संभाली थी। गहलोत ने सुमेरपुर, पाली व सोजत में चुनावी रैलियां की थी। जबकि पीसीसी अध्यक्ष पायलट यहां एक भी रैली में शामिल नहीं हुए थे। यह माना जा रहा है कि जिले की अधिकांश सीटों पर गहलोत के पसंदीदा उम्मीदवार मैदान में थे। ऐसे में गहलोत ने ही तीन जगह चुनाव प्रचार किया। हालांकि, पांच अप्रेल 2019 को लोकसभा चुनाव के दौरान गहलोत और पायलट एक साथ चुनावी प्रचार में आए थे।
हक की लड़ाई लडऩा गद्दारी नहीं-जिलाध्यक्ष
कांग्रेस जिलाध्यक्ष चुन्नीलाल चाड़वास पायलट खेमे के माने जाते हैं। यों तो चाड़वास का मोबाइल दो दिन से बंद है, लेकिन उन्होंने सोमवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट की है। उन्होंने लिखा है कि ‘कुदरत का नियम है कि खुद के हक के लिए लड़ाई लडऩा कोई गद्दारी नहीं है। पायलट ने दिन रात मेहनत कर 21 से 100 तक लाकर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाने में अधिकतम योगदान दिया।’ उन्होंने यह भी लिखा कि पायलट कांग्रेस के सच्चे सिपाही है और वह हर हाल में उनका साथ देंगे। इधर, जिलाध्यक्ष की पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब पायरल हुई। पोस्ट पर कई तरह के कमेंट भी आए। किसी ने गहलोत को सही बताया तो कोई सचिन के पक्ष में उतरा। जिलाध्यक्ष की पोस्ट सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में सुर्खियों में रही।
लोकसभा चुनाव प्रचार में आए थे गहलोत-पायलट
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान गहलोत और पायलट पाली साथ आए थे। उन्होंने 5 अप्रेल 2019 को कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में शहर के अणुव्रत नगर मैदान में आमसभा को संबोधित किया था। उपमुख्यमंत्री पायलट का 10 जून को पाली दौरा भी चर्चा में रहा था। उन्होंने दो दिन जालोर में बिताने के बाद जयपुर जाते समय पाली जिला परिषद सभागार में अधिकारियों की बैठक ली थी।
आपसी लड़ाई में प्रदेश का अहित
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की आपसी लड़ाई में प्रदेश का अहित हो रहा है। कोरोना जैसी महामारी से आमजन जूझ रहा है। इसकी चिंता किए बिना वे आपस में लड़ रहे हैं। जब से सत्ता में आए, तभी से दोनों में वर्चस्व की जंग चल रही है। –मंशाराम परमार, जिलाध्यक्ष, बीजेपी
पायलट को अपनी बात कहने का हक
उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को अपनी बात कहने का पूरा हक है। वे आम कार्यकर्ता की आवाज उठा रहे हैं। उनके साथ न्याय नहीं हो रहा। एक ही व्यक्ति पार्टी पर हावी हो रहा है। हम सभी सचिन की विचारधारा के साथ है। –सोमेंद्र गुर्जर, सचिव, प्रदेश कांग्रेस कमेटी

ट्रेंडिंग वीडियो