इधर, राजस्थान स्वायत्त शासन संस्था के प्रदेश अध्यक्ष केवलचन्द गुलेच्छा ने बताया कि कि मोदी सरकार ने किसानों के भारी विरोध के बावजूद अपनी हठधर्मिता से काले कानून कृषि अध्यादेश को पारित करके साबित कर दिया कि यह सरकार किसान विरोधी है। राजस्थान निकाय प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष मोटुभाई ने कहा कि जिस तानाशाही व अलोकतांत्रिक तरीके से कृषि अध्यादेशों को सर्वोच्च सदन में पारित कराया गया है। लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रुप में याद किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वादा किसानों की आय दुगुनी करने का था। पर यह किसान विरोधी अध्यादेश अन्नदाता को बर्बाद कर देगा। ज्ञापन देने के दौरान पूर्व नेता प्रतिपक्ष भंवर राव, किसान खेत मजदूर कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री आंनद सोलंकी, पार्षद रिखबचंद मरलेचा,राजेन्द्र मेघवाल, विनोद मोदी, रघुनाथ सिंह मंडली, इंसाफ मोयल, राजू सोलंकी, फ कीर मोहम्मद सिंधी, एडवोकेट रईस खान, मंगलाराम मेघवाल व बाबू भाई कीर सहित कई जने मौजूद थे।