पिछले दो वर्षो तक लगातार अच्छी बारिश के बाद इस वर्ष मूंग की बमपर पैदावार होने से किसानों के चेहरे खिल उठे। इधर सरकार ने भी मूंग की फसल के दाम ज्यादा करने से कृषि मंडी में जहां मंडी में बहुत कम ही फसल आती थी इ बार मूंग की आवक बहुतायत मात्रा में आने लगी है। हालांकि सरकारी नियमों के अनुसार फसल नियमानुसार लेने से कुछ किसानों को तकलीफ भी हो रही है। फिर भी कृषि मंडी में ज्यादातर रैक पूरे के पूरे मंूग की फसल से भरे दियााखी दे रहे है।
पिछले दो वर्षो तक लगातार अच्छी बारिश के बाद इस वर्ष मूंग की बमपर पैदावार होने से किसानों के चेहरे खिल उठे। इधर सरकार ने भी मूंग की फसल के दाम ज्यादा करने से कृषि मंडी में जहां मंडी में बहुत कम ही फसल आती थी इ बार मूंग की आवक बहुतायत मात्रा में आने लगी है। हालांकि सरकारी नियमों के अनुसार फसल नियमानुसार लेने से कुछ किसानों को तकलीफ भी हो रही है। फिर भी कृषि मंडी में ज्यादातर रैक पूरे के पूरे मंूग की फसल से भरे दियााखी दे रहे है।
पिछले दो वर्षो तक लगातार अच्छी बारिश के बाद इस वर्ष मूंग की बमपर पैदावार होने से किसानों के चेहरे खिल उठे। इधर सरकार ने भी मूंग की फसल के दाम ज्यादा करने से कृषि मंडी में जहां मंडी में बहुत कम ही फसल आती थी इ बार मूंग की आवक बहुतायत मात्रा में आने लगी है। हालांकि सरकारी नियमों के अनुसार फसल नियमानुसार लेने से कुछ किसानों को तकलीफ भी हो रही है। फिर भी कृषि मंडी में ज्यादातर रैक पूरे के पूरे मंूग की फसल से भरे दियााखी दे रहे है।
पिछले दो वर्षो तक लगातार अच्छी बारिश के बाद इस वर्ष मूंग की बमपर पैदावार होने से किसानों के चेहरे खिल उठे। इधर सरकार ने भी मूंग की फसल के दाम ज्यादा करने से कृषि मंडी में जहां मंडी में बहुत कम ही फसल आती थी इ बार मूंग की आवक बहुतायत मात्रा में आने लगी है। हालांकि सरकारी नियमों के अनुसार फसल नियमानुसार लेने से कुछ किसानों को तकलीफ भी हो रही है। फिर भी कृषि मंडी में ज्यादातर रैक पूरे के पूरे मंूग की फसल से भरे दियााखी दे रहे है।
पिछले दो वर्षो तक लगातार अच्छी बारिश के बाद इस वर्ष मूंग की बमपर पैदावार होने से किसानों के चेहरे खिल उठे। इधर सरकार ने भी मूंग की फसल के दाम ज्यादा करने से कृषि मंडी में जहां मंडी में बहुत कम ही फसल आती थी इ बार मूंग की आवक बहुतायत मात्रा में आने लगी है। हालांकि सरकारी नियमों के अनुसार फसल नियमानुसार लेने से कुछ किसानों को तकलीफ भी हो रही है। फिर भी कृषि मंडी में ज्यादातर रैक पूरे के पूरे मंूग की फसल से भरे दियााखी दे रहे है।