जोधपुर स्थित एमजीएच से स्वस्थ होकर ढोला अपने गांव लौटे माधोसिंह ने बताया कि आत्म विश्वास कभी कम नहीं होने दिया। बुलंद हौसले से ही कोरोना को हरा दिया। अस्पताल में रहने के दौरान बाबा रामदेव के बताए अनुसार नियमित रूप से योग किया। इसमें मोबाइल का सहारा लिया। योग, प्राणायाम, आसन से उसका आत्म विश्वास और बढ़ता गया। मन में एक ही लक्ष्य था कोरोना को हराना ही है। आखिरकार जब पहली रिपोर्ट नेगेटिव आई तो पक्का विश्वास हो गया।
दुबई से लौटकर आए राजपुरोहित कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो उन्हें तत्काल बांगड़ अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। यहां से उन्हें जोधपुर रेफर कर दिया गया। जोधपुर में पिछले कई दिनों से उनका उपचार चल रहा था। बाद की रिपोर्ट में राजपुरोहित नेगेटिव पाए गए। लगातार तीन जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर राजपुरोहित को अस्पताल से घर भेजा गया है। हालांकि, अभी वे घर पर आइसोलेशन में रहेंगे। इस बीच, सोशल मीडिया पर राजपुरोहित की मौत की फेक खबरें भी खूब वायरल हुई। राजपुरोहित को अपने स्वस्थ होने का प्रमाण देने के लिए वीडियो वायरल करना पड़ा।
ढोला गांव में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद हडक़ंप मच गया था। जिला प्रशासन ने ढोला गांव कफ्र्यू लगा दिया था। ग्रामीणों के घर के बाहर निकलने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया। चिकित्सा विभाग और जिला प्रशासन की टीमों ने घर-घर सर्वे किया। उपखण्ड अधिकारी राजेन्द्रसिंह सिसोदिया, बीसीएमओ डॉ. शरद सक्सेना, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक प्रमोद गिरी, विकास अधिकारी नारायणसिंह राजपुरोहित समेत कई अधिकारियों ने ढोला में कैंप लगा दिया। गांव के सभी रास्ते बंद कर दिए गए थे। पीडि़त की रिपोर्ट नेगेटिव आने से जिला प्रशासन और ढोला के ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है।