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समाज की शिक्षित महिलाओं ने समझाया, तब माने आदिवासी, अब करवा रहे वैक्सीनेशन

locationपालीPublished: Jun 19, 2021 09:15:19 am

Submitted by:

Suresh Hemnani

– एक ही माह में 5800 जनों ने लगवा दी वैक्सीन- चिकित्सा विभाग व पुलिस का यह कदम रहा कारगर- आदिवासी इलाकों में वैक्सीनेशन की अजब कहानी- आदिवासी मानते है अपने ही लोगों की बात

समाज की शिक्षित महिलाओं ने समझाया, तब माने आदिवासी, अब करवा रहे वैक्सीनेशन

समाज की शिक्षित महिलाओं ने समझाया, तब माने आदिवासी, अब करवा रहे वैक्सीनेशन

पाली। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन लगाने के लिए चिकित्सा विभाग ने पूरी मशीनरी लगा रखी है। लेकिन आदिवासी इलाके काकराडी, चामुण्डेरी, आमली फली, नाना-बेड़ा, भीमाणा क्षेत्र में कोरोना वैक्सीन लगाने से आदिवासी लोग कतरा रहे हैं। आदिवासियों को समझाने के लिए चिकित्सा विभाग व पुलिस ने आदिवासी समाज की ही पढी-लिखी महिलाओं, उनके समाज के मौजिज जन प्रतिनिधियों का सहारा लिया। इसका परिणाम यह हुआ कि एक माह में 5800 लोगों ने कोविड वेक्सीन लगवा दी।
13 ग्राम पंचायतों के 40 गांवों में समझाने में निकला पसीना
आदिवासी बाहुल क्षेत्रों में वैक्सीन को लेकर कई भ्रांतियां फैल गई। कोई कहने लगा, इसे लगाते ही मर जाते हैं तो कोई कहने लगा बुखार आ जाता है। इस क्षेत्र में वैक्सीनेशन बढ़ाना चिकित्सा विभाग के लिए चुनौती बन गया। ऐसे में 13 ग्राम पंचायतों के 40 गांवों में वैक्सीन की जागरूकता के लिए दिन रात पड़ाव किया। समाज के लोग, जन प्रतिनिधि, महिलाएं, एनजीओ, पुलिस, चिकित्सा विभाग, पंचायत, पटवारी, सरकारी कर्मचारियों ने मिलकर आदिवासी लोगों को समझाया। इसके होने वाले फायदों के बारे में बताया। आखिरकार समाज के लोगों व महिलाओं को आगे लाया, महिलाओं व समाज के लोनों ने खुद के वैक्सीन लगाकर इसके फायदे बताए, तब जाकर यहां वैक्सीनेशन बढ़ा। अब युवाओं में वैक्सीन लगाने को लेकर खासा उत्साह है।
पुलिस की भूमिका रहीं कारगर
आदिवासी इलाकों में नाना थानाधिकारी भंवरलाल माली के नेतृत्व में पूरे आदिवासी इलाकों में पुलिस ने घर-घर जाकर वैक्सीन के फायदे बताए। इसके भी सुखद परिणाम सामने आए।

यह है मामूली साइड इफेक्ट वैक्सीन के
– बुखार
– हाथ में दर्द
– बदन दर्द
– हाथ में दर्द
दोनों वैक्सीन कारगर
देश में वर्तमान में दो वैक्सीन लगाई जा रही है। कोवैक्सीन और कोविशील्ड, दोनों ही वैक्सीन कारगर है। दोनों के परिणाम बेहतर है। इसलिए आमजन को जो भी वैक्सीन उपलब्ध हो, वह लगवा ले।
मेडिकल कॉलेज प्रिंसीपल बोले- वैक्सीन जहर नहीं, अमृत है, जरूर लगवाएं
कोरोना वैक्सीन जहर नहीं, अमृत है। घबराए नहीं, इसे जरूर लगवाएं। इसके कोई खास साइड इफेक्ट नहीं है। जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन लगाई है, इसके बाद उन्हें कोरोना हो भी जाता है तो वह मरीज गंभीर नहीं होता। जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई, वे गंभीर स्थिति में जा सकते हैं। जो वैक्सीन उपलब्ध हो, वह वैक्सीन लगवा ले। यह ध्यान रखें, जिस वैक्सीन की पहली डोज लगी है, दूसरी डोज भी उसी वैक्सीन की ही लगवाए। – डॉ. दीपक वर्मा,
प्रिंसीपल, मेडिकल कॉलेज, पाली।
काफी मेहनत की, अब करवा रहे वैक्सीनेशन
यह सहीं है कि आदिवासी इलाकों की 13 ग्राम पंचायतों के करीब 40 गांवों में कोरोना वैक्सीन को लेकर कई भ्रांतियां थी, हमने आदिवासी समाज की पढ़ी लिखी महिलाओं, समाज के लोगों, जन प्रतिनिधियों व पुलिस का सहारा लिया। उन्होंने समझाइश की, अब वैक्सीनेशन जोरों पर है। – डॉ. हितेश वागोरिया, बीसीएमओ, चिकित्सा विभाग, बाली।
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