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रात गहराने के साथ सडक़ों पर बढ़ता खतरा, इंसानी जिंदगी के साथ मवेशियों पर भी संकट

locationपालीPublished: Aug 13, 2017 07:05:00 pm

Submitted by:

Rajkamal Ranjan

बारिश के बाद आमजन के सामने जो बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं, वे बेसहारा मवेशी है। तंग गलियों से लेकर फोरलेन तक इनके जमावड़े ने आमजन की धडक़नें बढ़ा दी है।

Crisis on cattle with human life

सडक़ों पर बढ़ता खतरा

पाली . बारिश के बाद इन दिनों आमजन के सामने जो बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं, वे बेसहारा मवेशी है। शहर की तंग गलियों से लेकर हाइवे पर फोरलेन तक इनके जमावड़े ने आमजन की धडक़नें बढ़ा दी है। दिन के उजाले में तो फिर भी लोग इनसे बचकर निकल जाते हैं, लेकिन रात गहराने के साथ ही इनसे खतरा भी बढ़ता जाता है। ये खतरा वाहन चालकों के साथ ही खुद इन मवेशियों की जिंदगी पर भी भारी पड़ रहा है। इसके बावजूद ना तो खुद पशुपालक सुधर रहे हैं और ना ही जिम्मेदार समाधान की ओर ध्यान दे रहे हैं।
हाइवे हो जाता है जाम

इन मवेशियों के जमघट के कारण हाइवे तक जाम हो जाता है। सबसे ज्यादा समस्या जोधपुर रोड पर हाडसिंग बोर्ड के निकट तथा नया गांव स्थित ट्रांसपोर्ट नगर मार्ग पर है। यहां दिन ही नहीं, रात में भी मवेशियों के बीच सडक़ पर डेरा डाले रहने से फोर व्हीलर वाहनों को निकलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार तो इसके चलते जाम भी लग जाता है। वहीं शहर के अंदरुनी इलाके सिंधी कॉलोनी, रामदेव रोड, सूरजपोल, मंडिया रोड भी इस समस्या से कम परेशान नहीं है।
रात में तो नजर ही नहीं आते

सबसे ज्यादा समस्या रात के समय होती है। फोरलेन पर इन मवेशियों से वाहनों की रफ्तार तो धीमी पड़ ही रही है। हादसे का खतरा भी बढ़ जाता है। सामने से वाहनों की लाइट पडऩे पर वाहन चालकों को ये मवेशी नजर ही नहीं आते। एेसे में कई बार वाहन चालक चोटिल हो जाते हैं। वहीं बड़े वाहनों की टक्कर से कई मवेशी भी काल के ग्रास बन रहे हैं।
आस्था की राह में भी बाधक

भादवा का माह होने से इन दिनों रामदेवरा जाने वाले जातरुओं का रेला उमडऩे लगा है। सडक़ों पर बाइक पर व अन्य वाहनों पर सवार होकर जातरू बाबा के दरबार में धोक लगाने निकले हैं, लेकिन इन मवेशियों के कारण कई जातरू भी चोटिल हो चुके हैं।
डिवाइडर पर उगी घास भी बढ़ा रही समस्या

इन दिनों बारिश के बाद ब्यावर-पिडंवाड़ा फोरलेन के बीच स्थित डिवाइडर पर भी पौधों के बीच घास उग आई है। घास से पेट भरने के फेर में कई बार मवेशी डिवाइडर पहुंच जाते हैं। कई बार डिवाइडर से ये अचानक फिर से ये सडक़ पर पहुंच जाते हैं। अचानक पशुओं के सडक़ पर आने से कई बार वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ जाता है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी डिवाइडर पर उगी घास हटाने की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
पत्रिका व्यू

रेडियम रिफ्लेक्टर लगाएं तो मिल सकती है राहत

मवेशियों की इस समस्या के पीछे पशुपालकों का योगदान भी कम नहीं है। खुले में छोड़ देने से इन ‘बेसहारा’ मवेशियों ने सडक़ों पर डेरा डाल रखा है। दस से बीस की संख्या में पशुओं के डेरा डाले रहने से राह संकरी हो जाती है, तो रफ्तार से निकलने वाले वाहनों का भी संतुलन बिगडऩे लगा है। सबसे ज्यादा दिक्कत रात में होती है, जब ये वाहन चालकों को नजर नहीं आते। यदि पशुपालकों के साथ ही जिम्मेदार अधिकारी और स्वयंसेवी संगठन एेसे बेसहारा मवेशियों के सिंगों पर रेडियम रिफ्लेक्टर लगवाना शुरू कर दें तो काफी हद तक राहत मिल पाएगी। इससे इंसानी जिंदगियों के साथ मवेशियों को भी अनहोनी का डर नहीं सताएगा।
लगवाने चाहिए रेडियम रिफ्लेक्टर

पिछले कई दिनों से सडक़ों पर बेसहारा मवेशियों का जमघट लगा हुआ है। रात में इनसे हादसे का डर बना रहता है। इसके लिए एेसे मवेशियों के सिंगोंे पर रेडियम रिफ्लेक्टर लगवाने का प्रयास करना चाहिए।
– मनीष राठौड़, युवा कांग्रेस नेता

हादसे का सताता है अंदेशा

नया गांव मार्ग तथा फोरलेन पर मवेशियों का जमघट लगा रहता है। कई बार तो हाइवे पर जाम सा लग जाता है। बीच सडक़ पर बैठे रहने से बाइक सवार तो बमुश्किल ही वहां से निकल पाते हैं।
– पारस मेवाड़ा, ट्रांसपोर्ट नगर
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