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पाली जिले के निंबोल गांव में दलित दूल्हे के साथ एेसा हुआ कि आप खुद चौंक जाएंगे

locationपालीPublished: Nov 26, 2020 11:31:37 pm

Submitted by:

rajendra denok

दलित युवक को घोड़ी पर बैठाकर पूरे गांव में बंदोली निकाली

दलित दूल्हे के साथ एेसा हुआ कि आप खुद चौंक जाएंगे

दलित दूल्हे के साथ एेसा हुआ कि आप खुद चौंक जाएंगे

pali. जैतारण. प्राय: कुछ लोगों द्वारा dalit दूल्हे को घोड़ी पर उतारने की घटनाएं देखी जाती है। लेकिन ग्राम निम्बोल में सामाजिक सौहार्द एवं सद्भावना का एक अनूठा उदाहरण सामने आया हैं। यहां एक दलित युवक को घोड़ी पर बैठाकर पूरे गांव में बंदोली निकाली गई। निम्बोल के पूर्व सरपंच मदनसिह उदावत के पुत्र वंशप्रदीपसिह उदावत ने यह पहल शुरू की है।
ग्राम निम्बोल के ग्रामीणों ने बताया कि 25 नवम्बर को ग्राम निम्बोल निवासी धीरज पुत्र खींयाराम मेघवाल की शादी थी। यहां घोड़ी पर बंदोली की परम्परा लगभग नहीं है। इसके बाजवूद वंशप्रतापसिह उदावत दूल्हे ही इच्छा पूरी करने व शादी में चार चांद लगाने के लिए अपनी घोड़ी लेकर धीरज के घर पहुंच गए। उन्होंने दूल्हे को घोड़ी पर बैठकर बंदोली निकालने का आग्रह किया। दूल्हे धीरज की खुशी का भी ठिकाना नहीं रहा। धीरज की बंदोली पूरे गांव में निकाली गई। सभी ने दूल्हे का सम्मान किया।
सामाजिक समानता हमारी जिम्मेदारी

वंशप्रदीपसिह ने दूल्हे के परिवार से बंदोली के निमित घोड़ी के लिए राशि लेने से इंकार कर दिया। वंश प्रदीपसिह का कहना है कि क्षत्रिय समाज हमेशा से सामाजिक समानता का पैरोकार रहा है। सभी धर्म और वर्ग के लोगों का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि समाज में समानता कायम करने के लिए क्षत्रिय समाज की जिम्मेदारी बनती है। दलित वर्ग भी अपने ही परिवार के सदस्य है।

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