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75 लाख में बनी सम्पर्क सडक़ 750 दिन भी नहीं चली

locationपालीPublished: Jul 10, 2020 11:06:38 am

Submitted by:

Suresh Hemnani

– तीन साल गांरटी अवधि फिर भी मरम्मत तक नहीं- पाली जिले के लवाचा गांव को रायपुर उपखण्ड मुख्यालय से जोडऩे वाली सडक़ का मामला

75 लाख में बनी सम्पर्क सडक़ 750 दिन भी नहीं चली

75 लाख में बनी सम्पर्क सडक़ 750 दिन भी नहीं चली

पाली/रायपुर मारवाड़। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने जिस सडक़ पर 75 लाख रुपए खर्च किए थे वह 750 दिन भी नहीं चल पाई। बदहाल हो चुकी ये सडक़ हादसों के रूप में ग्रामीणों को दर्द दे रही है। ये सडक़ गांरटी अवधि में होते हुए भी संबंधित फर्म ने मरम्मत करना भी जरूरी नहीं समझा। जिम्मेदारों ने भी इस घटिया निर्माण पर चुप्पी साध रखी है।
हम बात कर रहे हैं पाली जिले के लवाचा गांव को रायपुर उपखण्ड़ मुख्यालय से जोडऩे वाली प्रमुख मुख्य सडक़ की। ये सडक़ 2018 में राज्य सडक़ निधी योजना के अंतर्गत बनी थी। सडक़ किनारे सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा लगा रखे बोर्ड के मुताबिक इस सडक़ को बनाने में 75 लाख रुपए खर्च हुए। पांच किलोमीटर की लम्बाई वाली इस सडक़ को दिसंबर 2018 में पूरा कर लेने का बोर्ड में दर्शा रखा है। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण तो छह माह बाद पूरा हुआ था लेकिन बोर्ड पहले ही लगा दिया था।
पांच किलोमीटर में सैकड़ों गड्ढे
इस सडक़ के मौजूदा हालात की बात करें तो यहां पांच किलोमीटर की दूरी में सैकड़ों गड्ढे हो चुके हैं। जो दुपहिया वाहन चालकों के लिए हादसे का कारण बन रहे हैं। लवाचा के ग्रामीणों ने इसे लेकर कई बार शिकायत की लेकिन आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया है।
महकमे के नियमों पर एक नजर
नियमों की बात करें तो सार्वजनिक निर्माण विभाग जिस फर्म को वर्क ऑर्डर देती है उसे निर्माण पूरा होने के बाद भी पूरा भुगतान नहीं करती है। तीन साल का गांरटी पीरियड होता है। इस अवधि में सडक़ टूट जाती है तो उसी फर्म से मरम्मत करवानी होती है। यदि वह फर्म मरम्मत नहीं करती है तो उस फर्म का रोका गया कुछ भुगतान महकमे द्वारा उपयोग में लेकर अपने स्तर पर मरम्मत करानी होती है। इस सडक़ की मरम्मत व घटिया निर्माण की कार्रवाई के प्रति महकमे के जिम्मेदार मौन हैं।
नोटिस जारी करेंगे
फर्म का कुछ भुगतान रोक रखा है। हम फर्म मालिक को नोटिस देकर मरम्मत कराएंगे। यदि निर्माण में गडबड़ी है तो उसकी जांच कर कार्रवाई करेंगे। –नवीन आचार्य, एइएन, पीडब्ल्यूडी, रायपुर

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