पाली। राजस्थान पत्रिका के संस्थापक कर्पूर चन्द्र कुलिश की जयंती पर सोमवार को पापा की परियों ने पापा का कामकाज संभाला। उनकी कुर्सी पर बैठकर उन चुनौतियों को सामना किया। जिनसे पापा-मम्मी रोजाना रूबरू होते है और उनका समाधान करते हैं। बेटियों का कहना था कि यह उनके जीवन का अविस्मरणीय अनुभव रहा। वे सोचती थी कि पापा ऑफिस जाते हैं और घर लौट आते है। उनको नहीं पता था कि ऑफिस में पापा सुबह से शाम तक इतनी मेहतन करते है। बेटियों को हर खुशी देने के लिए हर पल काम में जुटे रहते हैं। आज राजस्थान पत्रिका के बिटिया एट वर्क अभियान के कारण ही उनको यह यादगार पल मिला है। उनका आत्मविश्वास भी पापा के ऑफिस आकर बढ़ा है। अभियान को लेकर पाली के आदर्श नगर स्थित फादर्स चिल्ड्रन सीनियर सैकण्डरी स्कूल की ओर से बेटियों का अवकाश रखा। बेटियां स्कूल की जगह पापा के दफ्तर गई और नया अनुभव लिया।
पाली। राजस्थान पत्रिका के संस्थापक कर्पूर चन्द्र कुलिश की जयंती पर सोमवार को पापा की परियों ने पापा का कामकाज संभाला। उनकी कुर्सी पर बैठकर उन चुनौतियों को सामना किया। जिनसे पापा-मम्मी रोजाना रूबरू होते है और उनका समाधान करते हैं। बेटियों का कहना था कि यह उनके जीवन का अविस्मरणीय अनुभव रहा। वे सोचती थी कि पापा ऑफिस जाते हैं और घर लौट आते है। उनको नहीं पता था कि ऑफिस में पापा सुबह से शाम तक इतनी मेहतन करते है। बेटियों को हर खुशी देने के लिए हर पल काम में जुटे रहते हैं। आज राजस्थान पत्रिका के बिटिया एट वर्क अभियान के कारण ही उनको यह यादगार पल मिला है। उनका आत्मविश्वास भी पापा के ऑफिस आकर बढ़ा है। अभियान को लेकर पाली के आदर्श नगर स्थित फादर्स चिल्ड्रन सीनियर सैकण्डरी स्कूल की ओर से बेटियों का अवकाश रखा। बेटियां स्कूल की जगह पापा के दफ्तर गई और नया अनुभव लिया।