जाटों का गुडा व राजपुरा ग्राम पंचायत से पिछले २० दिन के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पिछले बीस दिन में एेसे चार मासूमों को लाया गया जिन्हें बीमारी से निजात दिलाने के लिए डाम (दागना) लगाए गए थे। डाम के लिए मासूमों के शरीर पर लोहे के सरिए को गर्म करके निशान बनाए गए थे। गांवों में एेसा अंधविश्वास फैला है कि डाम लगाने से मासूमों पर बीमारियों का प्रभाव नहीं होता। इन बच्चों की हालत बिगडऩे पर उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया। इनमें से दो-तीन बच्चों को ठीक होने पर छुट्टी दे दी गई। चौथे मासूम राजपुरा निवासी अमेश (२माह) की हालत देख चिकित्सक डॉ. राजेन्द्रसिंह राठौड़ का भी दिल पसीज गया।
कानूनी कार्रवाई करवाएंगे
आम जनजीवन से जुड़ी खबर को पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित कर ध्यान आकर्षित करवाया है। हमारी पंचायत में ऐसे किसी व्यक्ति के होने की प्रमाणिक सूचना मिलने पर उसके विरूद्ध सख्त कानून कार्रवाई की जाएगी। अब किसी मासूम को अकाल मौत का ग्रास नहीं बनने दिया जाएगा।
केसाराम डांगी, सरपंच, ग्राम पंचायत, माण्डीगढ़
आम जनजीवन से जुड़ी खबर को पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित कर ध्यान आकर्षित करवाया है। हमारी पंचायत में ऐसे किसी व्यक्ति के होने की प्रमाणिक सूचना मिलने पर उसके विरूद्ध सख्त कानून कार्रवाई की जाएगी। अब किसी मासूम को अकाल मौत का ग्रास नहीं बनने दिया जाएगा।
केसाराम डांगी, सरपंच, ग्राम पंचायत, माण्डीगढ़
अंधविश्वास के चलते करते हैं ये काम
वैज्ञानिक युग व चिकित्सीय उपचार के बावजूद ग्रामीण अंधविश्वास के कारण एेसे काम कर बैठते हैं। नौनिहाल का जीवन संकट में पडऩे पर उपचार के लिए भागते रहते हैं। ऐसे व्यक्ति का पता किया जा रहा है। उन्हें एेसा नहीं करने के लिए पाबंद किया जाएगा।
विक्रमसिंह इन्दा, सरपंच, जाटों का गुड़ा