संस्थापक अध्यक्ष जब्बरसिंह राजपुरोहित ने बताया कि संभागीय आयुक्त की ओर से 7 अक्टूबर को दिए निर्णय की फिर से समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने जिले के दस शहरों व 787 गांवों की 20 लाख आबादी के पीने के लिए जिला कलक्टर एवं जलदाय विभाग की ओर से 3500 एमसीएफ.टी पानी की मांग को खारिज कर मात्र 2192.31 एमसीएफटी पानी दिया है। जो अपर्याप्त है। उन्होंने छीजत से 250 एमसीएफटी पेयजल के लिए देने को भी गलत बताया।
ज्ञापन में बताया कि इस निर्णय से 24 घंटे जलापूर्ति योजना पर भी प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ 224 गांवों में पेयजल नहीं पहुंचेगा। इस मौके सम्पत भंडारी, मानमल लसोड़, जयसिंह सोकड़ा, तरुण मेहता, मुरली मनोहर बोड़ा, आनन्द सोलंकी, केसी पंवार, राजेन्द्र शर्मा आदि मौजूद थे।