कार्तिक पूर्णिमा को लेकर लोगों ने सूर्योदय से पहले उठकर कार्तिक पूर्णिमा का स्नान किया। इसके बाद मंदिरों में जाकर ईश दर्शन किए। कई लोगों ने पुष्कर सहित अन्य तीर्थ स्थलों पर जाकर भी कार्तिक पूर्णिमा का स्नान किया। जिन लोगों ने पूरे कार्तिक मास में कार्तिक स्नान किया था। उन्होंने ब्राह्मणों को भोजन करवाकर उनसे आशीर्वाद लिया। इधर, विवाहोत्सव अधिक होने के कारण शहर के गली-मोहल्लों में रौनक रही। हालांकि, कोरोना के कारण कई लोग उत्सव में शामिल नहीं हुए। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से वर-वधु को आशीर्वाद दिया।
बाजार रहा बंद
पाली में कार्तिक पूर्णिमा पर अकता (प्रतिष्ठान बंद) रखा जाता है। इस परम्परा के चलते शहर के सर्राफा बाजार, फतेहपुरिया बाजार, उदयपुरिया बाजार, बाइसी बाजार, धानमण्डी, सोमनाथ-सूरजपोल मार्ग, जर्दा बाजार में अधिकांश प्रतिष्ठान बंद रहे।
पाली में कार्तिक पूर्णिमा पर अकता (प्रतिष्ठान बंद) रखा जाता है। इस परम्परा के चलते शहर के सर्राफा बाजार, फतेहपुरिया बाजार, उदयपुरिया बाजार, बाइसी बाजार, धानमण्डी, सोमनाथ-सूरजपोल मार्ग, जर्दा बाजार में अधिकांश प्रतिष्ठान बंद रहे।