पालीPublished: May 18, 2023 08:00:44 am
Vinod Chauhan
देश में डिजिटल क्रांति के चलते बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। स्कूलों में डिजिटल बोर्ड, प्रोजेक्टर समेत कम्प्यूटर आधारित शिक्षण और ऑनलाइन शिक्षण के लिए महंगे उपकरण उपलब्ध करवाए गए है। लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े माने जा रहे जालोर जिले के नेहड़ क्षेत्र में कुछ गांवों में सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए आनलाइन शिक्षण एक सपना है।
देश में डिजिटल क्रांति के चलते बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। स्कूलों में डिजिटल बोर्ड, प्रोजेक्टर समेत कम्प्यूटर आधारित शिक्षण और ऑनलाइन शिक्षण के लिए महंगे उपकरण उपलब्ध करवाए गए है। लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े माने जा रहे जालोर जिले के नेहड़ क्षेत्र में कुछ गांवों में सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए आनलाइन शिक्षण एक सपना है। यहां बच्चों के लिए कम्प्यूटर तो क्या बैठने के लिए कक्षा कक्ष भी उपलब्ध नहीं है। जिले के नेहड़ क्षेत्र में आज भी बच्चे छप्परे में पढऩे को मजबूर है। यहां बच्चों के लिए कक्षा कक्ष नहीं है। सर्दी, गर्मी व बारिश में मासूम बच्चे इन्हीं छप्पर में पढऩे को मजबूर है। क्षेत्र पांच से छह स्कूलों के विद्यार्थी आज भी यहां मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।