परचूनी दुकानों पर फेंक जाते बिल
बिल वितरण का काम डिस्कॉम द्वारा टेंडर पद्दित से किया जाता था। ठेकेदार बिलों को गांव की परचूनी दुकानों पर फेंक जाते। उपभोक्ताओं को खुद ही उस दुकान पर पहुच बिलों के ढेर में अपना बिल तलाश कर प्राप्त करना पड़ता था। बिल राशि अदा करने के लिए मीलों दूर का सफ र तय कर डिकॉम कार्यालय तक जाकर घण्टों बारी के इंताजर में कतार में खड़े रहना पड़ता था।
मनमर्जी के बिलों से थे त्रस्त
अमूमन हर गांव में ये शिकायत सामने आती रही हैं कि मीटर रीडर प्रत्येक घर व दुकान पर नहीं जाकर पिछले बिल की रीडिंग के अनुसार मनमर्जी की रीडिंग दर्ज कर देता। इससे बिजली का कम उपयोग किए जाने के बावजूद उपभोक्ता को मनमर्जी के बिल राशि का भुगतान करना पड़ता था। अब डिस्कॉम की इस नई पहल से उपभोक्ता को इन तमाम दिक्कतों से राहत
मिलने वाली है।
अब तक इन सात गांवों को मिल रही राहत
क्षेत्र के गिरी, खेड़ा मामावास, क़ानूजा, सादों का बाडिया, सुमेल, नया बाडिया, रावनिया में ये सुविधा शुरू कर दी गई है। अन्य गांवों में भी जल्द शुरू करने की कवायद चल रही है।
सात गांवों में कर दी शुरूआत
उपभोक्ताओ को राहत पहुंचाने के लिए ये नई पहल की है। हम प्रत्येक फ ीडर पर एक कार्मिक लगा रहे हैं। ये मीटर रीडिंग, बिल वितरण, राशि एकत्रित, लाइन दुरुस्त करने का काम करेगा। अब तक सात गांवों में ये सुविधा शुरू कर दी है। अन्य गांवों में भी जल्द शुरू करने की कवायद कर रहे हैं। इस पहल से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
गौरव गुप्ता, एईएन, डिस्कॉम, बर