scriptप्री-बजट परिचर्चा : बेबाकी से बोली महिलाएं- खाद्य पदार्थों पर कम होने चाहिए कर, ताकि गड़बड़ाए नहीं घर का बजट | Discussion on pre-budget 2020 of Center and state in Pali Rajasthan | Patrika News

प्री-बजट परिचर्चा : बेबाकी से बोली महिलाएं- खाद्य पदार्थों पर कम होने चाहिए कर, ताकि गड़बड़ाए नहीं घर का बजट

locationपालीPublished: Jan 18, 2020 08:56:13 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

pre-budget 2020 : -पाली की महिलाओं को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें है

प्री-बजट परिचर्चा : बेबाकी से बोली महिलाएं- खाद्य पदार्थों पर कम होने चाहिए कर, ताकि गड़बड़ाए नहीं घर का बजट

प्री-बजट परिचर्चा : बेबाकी से बोली महिलाएं- खाद्य पदार्थों पर कम होने चाहिए कर, ताकि गड़बड़ाए नहीं घर का बजट

पाली। pre-budget 2020 : हर घर में रसोई (भोजन) आसानी से पकाई जा सके और घर का आर्थिक बजट नहीं गड़बड़ाए। इसे लेकर महिलाओं को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें है। उनका कहना है कि कम से कम खाद्य पदार्थों पर तो कर बहुत कम होने चाहिए। इसके साथ ही किसानों की फसल खरीद व बिक्री को लेकर ऐसी नीति बनानी चाहिए। जिससे वे बिचौलियों से बच सके। ऐसा करने से रसोई का बजट कभी नहीं गड़बड़ाएगा। बजट से पहले महिलाओं ने जो बात कही प्रस्तुत है उसके कुछ अंश…।
करों में करनी चाहिए कमी
महिलाओं को घर चलाने में परेशानी नहीं आए। इसके लिए सरकार को घरेलू उपयोग की वस्तुओं के करों में कमी करनी चाहिए। आज तो महंगाई के कारण घरों का बजट गड़बड़ा रहा है। करों पर नियंत्रण होने पर कम से कम रसोई बनाने में तो कंजूसी नहीं करनी पड़ेगी। इस बार के राज्य व केन्द्र के बजट से सबसे बड़ी अपेक्षा यही है। –किरण पारीक, गृहिणी
महिलाओं के लिए बननी चाहिए योजना
घरेलू महिलाएं थोड़ी-थोड़ी राशि बचाकर कुछ धन एकत्रित करती है। वे उसका कही भी इन्वेस्ट नहीं करती है। उस धन से महिलाओं को लाभ हो और सरकार का राजस्व बढ़े। इसके लिए उनके लिए कोई योजना लानी चाहिए। इसके साथ ही पैक भोज्य पदार्थों पर जीएसटी कम करनी चाहिए। –शुभांगी भूतड़ा, गृहिणी
सरकार का होना चाहिए नियंत्रण
कृषि के उत्पादों पर पूरी तरह से सरकार का नियंत्रण होना चाहिए। इससे रसोई का सामान सस्ता होगा। किसानों व महिलाओं दोनों को लाभ मिलेगा। आज की स्थिति देखे तो महंगाई के कारण सबसे अधिक प्रभावित मध्यम वर्ग होता है। ऐसे में सरकार को इसके लिए बजट में कोई प्रावधान जरूर लाना चाहिए। –संतोष तापडिय़ा, गृहिणी
सजग रहना बहुत जरूरी
सरकार को घरेलू उत्पादों के प्रति सजग रहना जरूरी है। प्याज का संकट सजगता नहीं होने से आया है। यदि सरकार पहले ही प्याज बाहर से मंगवा लेती तो आज इतने दाम नहीं बढ़ते। जीएसटी की जटिल प्रक्रिया को भी सरल करना चाहिए। कालाबाजारी पर प्रभावी रोक लगाने से भी उत्पादों की कीमतों पर नियंत्रण किया जा सकता है। –ज्योती हेड़ा, गृहिणी
मिलावट बड़ी समस्या
महंगाई पहले भी थी और आज भी है। मेरा मानना है कि इसका एक कारण सब्सिडी देना भी है। जो सही तरीके से नहीं दी जा रही है। खाद्य पदार्थों में मिलावट भी बड़ी समस्या है। दवा की जरूरत हर व्यक्ति के घर रहती है। महंगी दवाएं हर कोई नहीं खरीद सकता है। इसलिए उनके दाम नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। –उषा लाखोटिया, गृहिणी
शिक्षा हो गई महंगी
आज शिक्षा बहुत महंगी हो गई है। उच्च शिक्षा दिलाने के लिए तो रसोई तक में कम्प्रोमाइज करना पड़ता है। सरकार को इसके लिए प्रावधान लाने चाहिए। इसमें भी मध्यम वर्ग की परेशानी अधिक है। कई लोग महंगी शिक्षा के कारण चाहकर भी बच्चों को नहीं पढ़ा पाते हैं। इसके लिए सभी जाति वर्ग के लोगों को सब्सिडी दी जानी चाहिए। –ऋष्पा हेड़ा, गृहिणी
व्यापार हो रहा खत्म
पाली का व्यापार आज खत्म हो रहा है। इसका असर हर घर पर पड़ रहा है। इसको लेकर सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए। आज छोटे व्यापारी अधिक संकट के दौर से गुजर रहे है। उनके लिए बजट और नीति में सरकार को प्रावधान करना चाहिए। जिससे मध्यम वर्ग प्रभावित नहीं हो। –संतोष दायमा, गृहिणी
तय होने चाहिए दाम
हर घर की पहली जरूरत आटा, दाल व चावल है। इसके दाम तय होने चाहिए। सरकार को चाहिए कि एक नीति तय करें, जिससे इनके दाम एक सीमा से आगे नहीं बढ़े और हर व्यक्ति की पहुंच में रहे। आज पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते ही दाम बदलते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। –तरुणा राठौड़, गृहिणी
महंगाई तोड़ रही कमर
आज महंगाई हर घर की कमर तोड़ रही है। घरों का बजट पूरी तरह गड़बड़ा रहा है। हर चीज में कम्प्रोमाइज करना पड़ रहा है। इसे रोकने के लिए सरकार को करों में कमी करनी चाहिए। इसमें सबसे बड़ी जरूरत रसोई के सामान में कर कम कर दाम नियंत्रित करने की है। –अंजू सिंहल, गृहिणी
सब्सिडी कर दी कम
महंगाई लगातार बढ़ रही है। गैस सिलेण्डरों पर सब्सिडी भी कम कर दी गई है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढऩे के कारण हर चीज के दाम बढ़े है। इस पर हर हाल में नियंत्रण जरूरी है। सब्जी, फल व दालों आदि के भाव कम होने पर महिलाओं को घर चलाने में सुविधा होगी। –नेहल पारीक, गृहिणी
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