scriptVIDEO : हमारी प्रतिभा : बेटियों को भरने दो मन की उड़ान, तभी वे छू पाएंगी आसमां, जानिए पूरी खबर… | Discussion with Rajasthani film artist Khushbu Chauhan in Pali | Patrika News

VIDEO : हमारी प्रतिभा : बेटियों को भरने दो मन की उड़ान, तभी वे छू पाएंगी आसमां, जानिए पूरी खबर…

locationपालीPublished: Oct 22, 2019 03:28:49 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

– राजस्थानी फिल्म कलाकार खुशबू चौहान से बातचीत
Discussion with Rajasthani film artist Khushbu Chauhan :

VIDEO : हमारी प्रतिभा : बेटियों को भरने दो मन की उड़ान, तभी वे छू पाएंगी आसमां, जानिए पूरी खबर...

VIDEO : हमारी प्रतिभा : बेटियों को भरने दो मन की उड़ान, तभी वे छू पाएंगी आसमां, जानिए पूरी खबर…

पाली। Discussion with Rajasthani film artist Khushbu Chauhan : बॉलीवुड फिल्म थ्री इडियट तो आपको याद होगी ही। कैसे परिजन अपने बच्चों को उनके मन मुताबिक राह चुनने की बजाय अपनी अपेक्षाओं के बोझ तले दबा देते है। लेकिन, जो अपनी रुचि के अनुसार कॅरियर चुनता है, वो अपनी सफलता ही राह भी खोज ही लेता है। ये कहना है पाली की मूल निवासी राजस्थानी फिल्म कलाकार खुशबू चौहान का। खुशबू की मानें तो पाली जैसे शहरों में आज भी बेटियों को बेटों की अपेक्षा अपना कॅरियर चुनने के लिए काफी हद तक परिजनों की स्वीकृति पर निर्भर रहना पड़ता है।
खुशबू को स्कूल समय से ही डांस का शौक था। 2012 में शहर में हुए सिटी स्टार डांस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया तो सपने परवान चढऩे लगे। खुशबू को राजस्थानी फिल्मों में अभिनय करने के ऑफर आने लगे। राजस्थानी फिल्म औलाद, चुकोड़ी सरकार, कालजे रो टुकड़ो में अभिनय किया। इसके साथ ही भोजपुरी फिल्म तू 16 बरस की में 17 बरस का सहित एक गुजराती फिल्म में अभिनय करने का मौका मिला। उन्होंने बताया कि उन्होंने सात लघु फिल्मों में भी काम किया। उन्होंने बताया कि अभी तक उन्होंने 100 से अधिक वीडियो गीतों में अभिनय किया।
लघु फिल्म में अभिनय पर मिला पुरस्कार
अपने-अपने आइने लघु फिल्म में उन्होंने एक पागल लडक़ी की भूमिका निभाई। जिसमें उनके अभिनय को लेकर उन्हें पुस्कृत भी किया गया। उन्होंने बताया कि उनका सपना है कि वे हिन्दी फिल्मों व हिन्दी धारावाहिक में काम कर पाली का और अपने परिवार का नाम रोशन करें।
बच्चों पर नहीं थोपे इच्छाएं
बकौल खुशबू, ‘मैं खुशनसीब हूं कि मेरे परिजनों ने मेरे सपनों को पूरा करने में मेरा साथ दिया। इसके चलते आज मैं राजस्थानी फिल्म जगत में अपना नाम कमा सकी। मैं ये ही कहना चाहूंगी कि अभिभावकों को अपने बच्चों पर इच्छाएं थोपनी नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें वही करने दे, जो वे चाहते हैं।’
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