पहला मामला……पेट में 5 एमएम की पथरी बताई, निजी लैब में बताई 11 एमएम 20 मई को सर्वोदय नगर निवासी शायरीदेवी के पेट में तेज दर्द हुआ। उसका पौत्र रोहित उन्हें बांगड़ अस्पताल लेकर आया। डॉक्टरों ने महिला की जांच कर उसे सोनोग्राफी करवाने की सलाह दी। महिला की बांगड़ अस्पताल से ही सोनोग्राफी करवाई गई। उसकी रिपोर्ट जब डॉक्टरों को दिखाई तो उन्होंने महिला के पेट में राइट साइड किडनी में 5 एमएम की सामान्य पथरी बताई व लेफ्ट साइड किडनी में सूजन बताकर उन्हें घर भेज दिया। दो दिन तक महिला दर्द से कराहती रही तो परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए। निजी लेब में फिर से सोनोग्राफी करवाई गई। निजी लेब की रिपोर्ट में महिला के राइट साइड किडनी में 5 एमएम की तो पथरी बताई। साथ ही लेफ्ट साइड में भी 11 एमएम की पथरी बताई गई। डॉक्टरों की इस बात को सुनकर परिजन भी सकते में आ गए।
दूसरा मामला…… स्वान ने वार्ड में आकर बच्ची को काट लिया यह मामला अस्पताल कर्मचारियों की घोर लापरवाही का उदाहरण है। बांगड़ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के एमसीएससी सेंटर के प्रसव पूर्व वार्ड में केशव नगर निवासी एक महिला को तीन दिन से भर्ती कर रखा है। उस महिला की देखभाल करने के लिए उसका पति भागचंद व उसकी पांच साल की बेटी कृष्ण वार्ड में ही ठहरी हुई थी। बुधवार को एमसीएससी सेंटर के मुख्यद्वार से एक स्वान वार्ड तक पहुंच गया और मां के पास बैठी कृष्णा को काट खाया। गनीमत रही कि कृष्णा के पिता व अन्य लोगों ने स्वान को तुरंत भगा दिया। साथ ही कृष्णा को उपचार के लिए डॉक्टर से पास लाया गया। इस हादसे में बाद मौके पर मौजूद मरीज व उनके परिजनों ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठाया है।
पहले भी मरीज को चढ़ा दिया था गलत खून इससे पहले भी अस्पताल में इससे पहले भी मरीजों के साथ लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं। गत वर्ष सितंबर माह में अस्पताल में नर्सिंग स्टॉफ ने एक युवक को गलत खून चढ़ा दिया था। इसके बाद मरीज की तबीयत बिगडऩे पर उसे जोधपुर रैफर कर दिया गया था।
तकनीकी समस्या से हो सकता है असमंजस- सोनोग्राफी में कई बार तकनीकी समस्या से रिपोर्ट अलग-अलग आ सकती है। इससे डॉक्टर भी असमंजस में हो जाते हैं। इस मामले की मुझे जानकारी नहीं है। सभी डॉक्टरों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे।
– डॉ. दिलीपसिंह चौहान, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज, पाली