पाली

छात्रावास के वार्डन से तंग आकर विद्यार्थियों ने लिया ये निर्णय, पढि़ए पूरी खबर

-पूर्व में भी वार्डन के खिलाफ शिकायत के मामले आ चुके है सामने

पालीJan 22, 2019 / 12:38 pm

Suresh Hemnani

छात्रावास के वार्डन से तंग आकर विद्यार्थियों ने लिया ये निर्णय, पढि़ए पूरी खबर

पाली। शहर के बापूनगर स्थित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावास वार्डन पर छात्रों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि अधीक्षक उनसे आए दिन गाली-गलौच और मारपीट करते हैं। पीडि़त छात्रों ने जिला कलक्टर से मिलकर वार्डन पर कार्रवाई की मांग की। इधर, जिला कलक्टर ने मामले की जांच उपखण्ड अधिकारी पाली को सौंपी है।
विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि छात्रावास अधीक्षक संजय वैष्णव उन्हें परेशान करता है। धमकाने और मारपीट जैसे आरोप भी छात्रों ने वार्डन पर लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि वार्डन ने बिना किसी नोटिस के तीन विद्यार्थियों को छात्रावास से बाहर निकाल दिया। करीब दस-बारह छात्रों ने जिला कलक्टर से मिलकर उन्हें वार्डन के खिलाफ ज्ञापन भी सौंपा।
विवादित रहे हैं वार्डन
वार्डन संजय वैष्णव के विरुद्ध पहले भी कई शिकायतें हुई है। पूर्व में भी विद्यार्थी कई बार शिकायत लेकर कलक्ट्रेट पहुंच चुके हैं। वैष्णव पर छात्रों से दुव्र्यवहार और छात्रावास में अव्यवस्थाओं के आरोप लगे हैं। यही नहीं, जैतारण में वार्डन रहते हुए भी छात्रों ने उनके खिलाफ ऐसी ही शिकायतें की थीं।
विभाग बेखबर
हैरानी की बात है कि छात्रों की शिकायतें जिला कलक्टर तक कई बार पहुंची, लेकिन विभाग के सहायक निदेशक बेखबर बने हुए हैं। जबकि छात्रावास और समाज कल्याण विभाग का कार्यालय एक ही भवन में संचालित है। सहायक निदेशक ज्योतिप्रकाश अरोड़ा से इस संबंध में जानकारी चाही, लेकिन उनका फोन नो रिप्लाई रहा।
एसडीएम करेंगे जांच
छात्रावास के कुछ विद्यार्थी दिन में मिले थे। मामले की जांच एसडीएम को सौंपी है। जांच में दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। – दिनेशचंद्र जैन, जिला कलक्टर, पाली

महिला समन्वयकों ने स्थायी करने की लगाई गुहार
पाली। मिशन पूर्ण शक्ति प्रोजेक्ट के समाप्त होने पर बेरोजगार बैठी सैकड़ों महिला ग्राम समन्वयकों ने जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने बताया कि गत कांग्रेस सरकार के समय मिशन पूर्ण शक्ति प्रोजेक्ट शुरू किया गया था।
उसे नवम्बर 2017 से हटा दिया गया। जबकि वे महिलाओं से सम्बंधित व सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार गांव-गांव करती थी। ज्ञापन में बताया कि मार्च से नवम्बर 2017 तक का उनका मानदेय व सवा दो वर्षों का यात्रा भत्ता भी बकाया चल रहा है। ज्ञापन सौंप उन्होंने वापस नियुक्ति करने एवं बकाया मानदेय व यात्रा भत्ता दिलाने की मांग की। ज्ञापन सौंपते समय जरीना बानू, खैरूनिशा, डिम्पल कंवर, सुमित्रा, संतोष चौधरी सहित कई महिला ग्राम समन्वयक उपस्थित रही।
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