पाली के हिम्मत नगर क्षेत्र की रहने वाली 66 साल की तीजा के पेट में दर्द हुआ था। इस पर उसने उसे धरण मानकर पेट की मालिश करवाई। इसके बाद उसे आराम आने के बजाय तबीयत अधिक खराब हो गई। उसकी जान पर बन आई। इस पर महिला को उसके परिजनों ने बांगड़ चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां डॉ. प्रभुदयाल ने उसकी जांच करवाई तो पता लगा कि मालिश के कारण उसके पेट की तिल्ली फट गई है और शरीर में खून फैल गया है। इसके बाद तुरन्त महिला का ऑपरेशन करना तय किया गया। डॉ. प्रभुदयाल ने डॉ. मोहनलाल व एनेस्थिसिस डॉ. ओपी सुथार के सहयोग से महिला के पेट में फटी हुई तिल्ली को निकाला। इससे महिला की जान बच गई।
जटिल थी यह सर्जरी
मेडिकल कॉलेज पाली के प्रिंसिपल डॉ. दीपक वर्मा ने बताया कि यह एक जटिल सर्जरी थी। जिसके लिए अब तक लोगों को जोधपुर या बड़े सेन्टर पर जाना पड़ता था। यह सर्जरी अब पाली में ही सफल रूप से की गई है। ऐसी सर्जरी पाली में पहले नहीं होती थी। पाली में यह ऑपरेशन भी आपातकालीन परिस्थिति और जटिल होने के बावजूद किया गया है।
मेडिकल कॉलेज पाली के प्रिंसिपल डॉ. दीपक वर्मा ने बताया कि यह एक जटिल सर्जरी थी। जिसके लिए अब तक लोगों को जोधपुर या बड़े सेन्टर पर जाना पड़ता था। यह सर्जरी अब पाली में ही सफल रूप से की गई है। ऐसी सर्जरी पाली में पहले नहीं होती थी। पाली में यह ऑपरेशन भी आपातकालीन परिस्थिति और जटिल होने के बावजूद किया गया है।
एक्सर्ट का कहना
किसी भी व्यक्ति के पेट आदि का दर्द होने पर उसे तुरन्त सर्जन चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए। उससे ही उपचार करवाना चाहिए। दर्द को गोला, पेचूटी या धरण आदि समझकर मालिश नहीं करवानी चाहिए। ऐसा करने से तिल्ली फट सकती है। एपेन्डिक्स फट सकती है। आंतों की झिल्ली फट सकती है। इस पर मरीज की जान पर खतरा आ सकता है। -डॉ. प्रभु दयाल, असिस्टेंट प्रोफेसर, सर्जरी विभाग, मेडिकल कॉलेज
किसी भी व्यक्ति के पेट आदि का दर्द होने पर उसे तुरन्त सर्जन चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए। उससे ही उपचार करवाना चाहिए। दर्द को गोला, पेचूटी या धरण आदि समझकर मालिश नहीं करवानी चाहिए। ऐसा करने से तिल्ली फट सकती है। एपेन्डिक्स फट सकती है। आंतों की झिल्ली फट सकती है। इस पर मरीज की जान पर खतरा आ सकता है। -डॉ. प्रभु दयाल, असिस्टेंट प्रोफेसर, सर्जरी विभाग, मेडिकल कॉलेज