भक्ति गीतों संग किया भगवान की माताओं का पूजन
-भगवान पार्श्वनाथ जन्म व दीक्षा कल्याण महोत्सव

पाली। शहर के नवलखा मार्ग स्थित नवलखा मंदिर परिसर में शनिवार को जैन संतों की निश्रा में श्रावक-श्राविकाओं ने भगवान पार्श्वनाथ सहित 24 भगवान की माताओं का विधि-विधान से पूजन किया। भक्ति गीत गाते व मंत्रों का उच्चारण करते हुए नवपद, सोलह विद्या देवी, नवग्रह, दसदिक्पाल, देवियों का पूजन किया गया। उवसग्गहरं स्रोत की पांच गाथाओं के साथ भगवान पार्श्वनाथ का जल सहित औषधियों से अभिषेक कर अष्टप्रकारी पूजा की गई। पूजन का लाभ कमला देवी, इन्द्रचंद, महेन्द, सज्जन , दीपेश, नरेश, राजेश, उमेश, हितेश, गीतेश, ऋषि, अभि, पार्थ व जयदीप तलेसरा परिवार ने लिया।
महोत्सव में आचार्य जयानंद सूरीश्वर ने कहा कि पाŸव प्रभु ने जिस प्रकार कमठ और धरणेन्द्र पर साम्य भाव रखा था। उसी प्रकार हमे अपने मित्रों व शत्रु के लिए साम्य भाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में अहंकार को मारने पर राग व द्वेष मर जाएंगे। राग व द्वेष के मरने पर क्रोध, मान, माया व लोभ अपने आप ही नष्ट हो जाएंगे। नवकार महामंत्र का जाप एक बार सुनने से सांप को देवगति प्राप्त हुई थी। यदि मनुष्य रोजाना इसका जाप श्रद्धा से करे तो क्या होगा। यह सोचा जा सकता है। महोत्सव में अट्ठम तप करने वाले तपस्वियों के बहुमान का लाभ लेने के लिए बोली लगाई गई।
भजन गाकर की आराधना
महोत्सव में शाम को भक्ति भावना का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें सादड़ी के महेन्द्र मदन चौहान ने भगवान पाŸवनाथ सहित तीर्थंकर भगवान की भक्ति से ओतप्रोत भजन सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद आरती व मंगल दीपक कार्यक्रम हुआ। इस मौके गणि जयकीर्ति विजय, साध्वी पूर्णपज्ञा, साध्वी हर्षित प्रज्ञा, साध्वी दिव्य प्रज्ञा, साध्वी दर्शन प्रज्ञा, साध्वी रविन्दुगुणा, साध्वी निर्वेदगुणा सहित कई लोग मौजूद थे।

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