scriptबेटियों को अभी से कहने लगी हैं मुर्मु, आदिवासियों में खुशियों की ऐसी रंगत | Draupadi Murmu became presidential candidate, happiness in tribal area | Patrika News

बेटियों को अभी से कहने लगी हैं मुर्मु, आदिवासियों में खुशियों की ऐसी रंगत

locationपालीPublished: Jun 30, 2022 02:47:32 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-आदिवासी महिला द्रोपदी मुर्मु बनी हैं उम्मीदवार तो खुश है आदिवासी इलाका-पाली में है आदिवासियों का बड़ा इलाका
 

बेटियों को अभी से कहने लगी हैं मुर्मु, आदिवासियों में खुशियों की ऐसी रंगत

बेटियों को अभी से कहने लगी हैं मुर्मु, आदिवासियों में खुशियों की ऐसी रंगत

-विवेक वर्मा/चंद्रशेखर अग्रवाल
पाली/बाली। आदिवासियों के चेहरे पर एक अलग खुशी इन दिनों पढ़ी जा रही है। महिलाएं मुर्मु के चेहरे को देेखती हैं तस्वीर को अपने चेहरों से मिलाती है। उन्हें लगता है कि यह तो हम जैसी ही है। नैसर्गिक हंसी फूटती है और आंखें खुशी से नाचने लगती हैं। खिलखिलाते हुए बतियाती हैं। राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मु को लेकर यह भाव आदिवासी इलाकों में माहौल में अलग रंग बिखेर रहा है।
भाजपा ने मुर्मु को जब से उम्मीदवार बनाया है, तब से यहां बेटियों को देखकर महिलाएं अब उनको प्यार से मुर्मु भी कहने लगी हैं। पंचायत समिति सदस्य कन्या देवी गरासिया मुर्मु की तस्वीर हाथ में लेकर खुशियां व्यक्त करते हुए कहती हैं, हम जैसी ही है। कोयलवाव निवासी पंचायत समिति सदस्य कन्याकुमारी गरासिया, पिंटू बाई, अमियां बाई, सबको बाई, सविता बाई, सोनू बाई इस खुशी में शरीक हैं और बोलती हैं कि आदिवासी महिला के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनना ही हमारे लिए बड़ी बात है।
प्रस्तावक गरासिया खुश
पिंडवाड़ा आबू क्षेत्र के विधायक समाराम गरासिया को उनके नामांकन में प्रस्तावक के लिए दिल्ली बुलाया गया। गरासिया कहते हैं उन्हें विश्वास है कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू भारी मतों से जीतेंगी। जो आदिवासियों का सपना था, वो अवश्य पूरा होगा। उनकी जीत प्रत्येक आदिवासी की जीत होगी।
आदिवासी क्षेत्र में भी प्रतिभा हैं
देश के सर्वोच्च पद पर किसी आदिवासी महिला को बैठाने का सपना देखना ही बहुत बड़ी बात है।आदिवासी महिला को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाकर सिद्ध कर दिया है कि देश में आदिवासी क्षेत्र में भी प्रतिभा है। इसका सम्मान होना चाहिए। – रिंकू कुमारी गरासिया, सरपंच, ग्राम पंचायत ठंडी बेरी, बाली
आदिवासियों में खुशी
बाली पंचायत समिति ही नहीं पूरे देश के आदिवासियों में खुशी की लहर है। आदिवासी क्षेत्र की महिला राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी। वे भारी मतों से जीत कर राष्ट्रपति बनें यही हमारा सपना है। इससे हमारे क्षेत्र में भी लोगों को विश्वास बढ़ेगा। –तेजी बाई गरासिया, सरपंच, ग्राम पंचायत कुंडाल, बाली
उनकी जीत, हमारा विश्वास है
एनडीए सरकार के शासन में देश के सवोज़्च्च पद पर आदिवासी महिला को बैठाने का जो प्रस्ताव लिया है, देश के प्रत्येक क्षेत्र के आदिवासी के लिए गौरव की बात है। राष्ट्रपति पद पर जीत कर आदिवासी महिला राष्ट्रपति भवन में बैठेगी, यह हमारा विश्वास है। –पानरी देवी गरासिया, प्रधान, पंचायत समिति, बाली
सकारात्मक सोच
भाजपा के शासन में हमेशा आदिवासी क्षेत्रवासियों का सम्मान बढ़ा है। पार्टी के सकारात्मक सोच के कारण आदिवासी महिला आज राष्ट्रपति भवन में जाएगी। –सामताराम गरासिया, पूर्व प्रधान, बाली

गौरव की बात है
आदिवासी क्षेत्र की महिला को आबू पिंडवाड़ा के विधायक के प्रस्ताव के आधार पर राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। यह हमारे लिए गौरव की बात है। –कन्या गरासिया, पंचायत समिति सदस्य, बाली
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो