जानकारी के अनुसार पाटन ग्राम पंचायत के भंवरिया गांव में जनता जल योजना के तहत वर्ष 2017-18 में दो कुएं खोदे गए थे। जिनसे भंवरिया गांव सहित गांव से जुड़े बाडिय़ों व इन्दारेल के जीएलआर में जलापूर्ति होती थी। इस समय भंवरिया के इन दोनों कुओं में पानी रसातल की ओर चले जाने से ग्रामीणों के सम्मुख अब पेयजल संकट पैदा हो चला है।
कुएं अभी से दे चुके जवाब
जनता जल योजना के तहत भंवरिया के दोनो सरकारी कुएं 115 फीट गहरे होने के बावजूद दोनों कुएं में पानी नाममात्र रह जाने से इन कुओं पर निर्भर पांच जीएलआर व दो टांकों की जलापूर्ति पर संकट छा गया। कुएं में 24 घंटे के भीतर भूगर्भ से इक_ा होने वाले पानी के बाद महज 10 मिनट तक ही मोटर से पानी पम्प किया जा रहा है। इसके बाद मोटर हवा फे ंकती है। निरन्तर गिरते भू-जल को देखते हुए आगामी गर्मियों पर मण्डराते संकट का अंदाजा लगाया जा सकता है। भंवरिया, मेहरातों की ढ़ाणी, पूनमसिंह का बाडिय़ा, तेजाजी स्थान के पास जीएलआर व आंगनबाड़ी के पास टांके सहित इन्दारेल में राप्रावि के पास जीएलआर, इन्दारेल में मेघवाल वास में जीएलआर व एक टांके में जलापूर्ति करना मुश्किल हो रहा है। मवेशियों की प्यास बुझाने के लिए बनी खेळियां सूखी पड़ी है।
जनता जल योजना के तहत भंवरिया के दोनो सरकारी कुएं 115 फीट गहरे होने के बावजूद दोनों कुएं में पानी नाममात्र रह जाने से इन कुओं पर निर्भर पांच जीएलआर व दो टांकों की जलापूर्ति पर संकट छा गया। कुएं में 24 घंटे के भीतर भूगर्भ से इक_ा होने वाले पानी के बाद महज 10 मिनट तक ही मोटर से पानी पम्प किया जा रहा है। इसके बाद मोटर हवा फे ंकती है। निरन्तर गिरते भू-जल को देखते हुए आगामी गर्मियों पर मण्डराते संकट का अंदाजा लगाया जा सकता है। भंवरिया, मेहरातों की ढ़ाणी, पूनमसिंह का बाडिय़ा, तेजाजी स्थान के पास जीएलआर व आंगनबाड़ी के पास टांके सहित इन्दारेल में राप्रावि के पास जीएलआर, इन्दारेल में मेघवाल वास में जीएलआर व एक टांके में जलापूर्ति करना मुश्किल हो रहा है। मवेशियों की प्यास बुझाने के लिए बनी खेळियां सूखी पड़ी है।
हैडपम्पों का खारा पानी, वे भी देने लगे जवाब
कुओं में पानी की अब बेहद कमी के बीच जलसंकट से रूबरू हो रहे ग्रामीण हैडपम्पों का खारा पानी पीने को विवश हैं। इन मुश्किल हालातों में हैडपम्प भी जवाब देने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हैडपम्पों में भी पानी अब टूटने लगा है।
कुओं में पानी की अब बेहद कमी के बीच जलसंकट से रूबरू हो रहे ग्रामीण हैडपम्पों का खारा पानी पीने को विवश हैं। इन मुश्किल हालातों में हैडपम्प भी जवाब देने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हैडपम्पों में भी पानी अब टूटने लगा है।
इन्होंने कहा...
भंवरिया गांव के दोनों सरकारी कुओं में पानी बेहद कम होने से अब जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। पीने के पानी के लिए लोग मुंह मांगे दामों पर मजबूरी में टैंकर डलवा रहे हैं। हैडपम्पों का भी खारा पानी अब टूटने लगा है। समय रहते कोई उपाय नहीं किया तो हालात औेर खराब होंगे। -बाबूसिंह गहलोत, भंवरिया, उपसरपंच पाटन
भंवरिया गांव के दोनों सरकारी कुओं में पानी बेहद कम होने से अब जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। पीने के पानी के लिए लोग मुंह मांगे दामों पर मजबूरी में टैंकर डलवा रहे हैं। हैडपम्पों का भी खारा पानी अब टूटने लगा है। समय रहते कोई उपाय नहीं किया तो हालात औेर खराब होंगे। -बाबूसिंह गहलोत, भंवरिया, उपसरपंच पाटन
भंवरिया में दोनों सरकारी कुओं में पानी सूखने के कगार पर है। इससे जुड़े सभी पांच जीएलआर व दो टांके में पानी की आपूर्ति करना बेहद मुश्किल हो रहा है। इससे पेयजल संकट छा गया। जलजीवन मिशन योजना के तहत घर घर नल कनेक्शन के लिए दो माह पहले सर्वे भी हुआ था, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है। -चीकादेवी, सरपंच, पाटन