चौराई में नीर की पीर : गांवों में जीएलआर खाली, टैंकरों के पानी से बुझा रहे प्यास
- जीएलआर में दस वर्ष से पानी नहीं आया
- जनता को टैंकरों के देने पड़ रहे मुंह मांगे दाम

पाली/रोहट। पाली जिले के रोहट पंचायत समिति क्षेत्र में कई ऐसे गांव है, जहां पर जीएलआर सालों से खाली पड़े हैं। ऐसे में ग्रामीणों को प्यास बुझाने के लिए टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जिससे उनकी जेब पर भी भार बढ़ रहा है।
रोहट उपखंड क्षेत्र के नेहड़ा के निकट मेघवालों की ढाणी में जीएलआर में 10 वर्ष से पानी नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों की माने तो पानी तो नहीं आता, लेकिन जीएलआर की सफाई के लिए कार्मिक आता है, जो जीएलआर पर सफाई की तारीख बदलकर चला जाता है। ऐसे में ग्रामीण अपने स्तर टैंकर मंगवाकर पानी की व्यवस्था करते हैं, लेकिन मवेशियों के हालात खराब है। हालात विकट होने के बावजूद विभागीय अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि आंखें मंूद कर बैठे है।
फेंकारिया में दस दिन से नहीं हुई जलापूर्ति
इसी तरफ फेंकारिया गांव में भी पिछले दस दिनों से पानी की आपूर्ति नहीं हुई है। कभी कभार पानी आ भी जाता है तो नाम मात्र का। इससे आमजन की प्यास नहीं बुझ पाती है। मवेशियों के हालात तो काफी खराब है। धोलेरिया शासन ग्राम पंचायत में नेहड़ा, विश्नोईयों की ढाणी, मेघवालों की ढाणी में भी जल किल्लत है।
पानी बना व्यवसाय
रोहट चौराई क्षेत्र में टैंकर चालकों ने पानी का व्यवसाय शुरू कर रखा है। जैतपुर जलदाय विभाग से टैंकर चालक टैंकर भरकर ले जाता है और आस पास गांवों में मुंह मांगे दाम पर बेचता है। ग्रामीणों की माने तो नेहड़ा मेघवालों की ढाणी में एक हजार से 15 सौ रुपए देने पर ही टैंकर चालक पानी की सप्लाई करता है।
अवाळे भी पड़े खाली
नेहड़ा क्षेत्र में जहां पशुपालन ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय है। ऐसे में यहां पर काफी तादाद में मवेशी है, जिनके सामने गर्मी के दिनों में जलसंकट गहरा जाता है। इसके अलावा यहां वन्य जीव भी है, जिसमें हरिण, खरगोश, नीलगाय व अन्य वन्य जीव है, जो पानी की तलाश में भटकते रहते हैं। गांवों में बने अवाळे व खेलियां भी खाली पड़ी होने से इन्हें निराश लौटना पड़ता है।
ग्रामीणों की जुबानी
फेंकारिया गांव में पिछले 10 दिनों से पानी नहीं आया है। ग्रामीण अपने स्तर पर टैंकरों से पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। - उम्मेदसिंह, ग्रामीण, फेंकारिया
मेघवालों की ढाणी नेहड़ा में जीएलआर बना हुआ है, लेकिन सालों से खाली ही पड़ा है। आखिरकार ग्रामीण गर्मी के दिनों में पानी की व्यवस्था कैसे कर पाएंगे। - ओमप्रकाश, ग्रामीण, मेघवालों की ढाणी
क्षेत्र के फेंकारिया, मेघवालों की ढाणी व ढोलियों की ढाणी में पानी की अधिक समस्या है। वहां पर जीएलआर में भी पानी नहीं पहुंचता है। -अणची देवी, सरपंच, धोलेरिया शासन
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