किसानों ने की थी पहल
पिछले वर्ष बरसात कम होने से जवाई बांध खाली रह गया था। जल संकट के समय बाणियावास बांध में 200 एमसीएफटी पानी आया था। जिसका पानी किसानों ने सिंचाई में लेने के बजाय पूरा पेयजल के लिए उपलब्ध कराने की पहल की थी। उस पानी से जलदाय विभाग ने 7 जनवरी से पाली के लिए पानी लेना शुरू किया। जो पांच माह से अधिक समय तक शहरवासियों की प्यास बुझाता रहा। बांध से रोजाना पहले करीब 6-7 एमएल और डेड स्टोरेज से 3-4 एमएल पानी पेयजल के लिए मिला।
पिछले वर्ष बरसात कम होने से जवाई बांध खाली रह गया था। जल संकट के समय बाणियावास बांध में 200 एमसीएफटी पानी आया था। जिसका पानी किसानों ने सिंचाई में लेने के बजाय पूरा पेयजल के लिए उपलब्ध कराने की पहल की थी। उस पानी से जलदाय विभाग ने 7 जनवरी से पाली के लिए पानी लेना शुरू किया। जो पांच माह से अधिक समय तक शहरवासियों की प्यास बुझाता रहा। बांध से रोजाना पहले करीब 6-7 एमएल और डेड स्टोरेज से 3-4 एमएल पानी पेयजल के लिए मिला।
खेतावास के पास खोदे ट्यूवबेल
बाणियावास में पानी खत्म होने के आसार नजर आते ही जलदाय विभाग की ओर से खेतावास में अलग-अलग जगह पर आठ ट्यूबवेल खोदे गए थे। जिनसे अब पाली शहर में जलापूर्ति के लिए पानी लेने की कवायद की जा रही है। इन ट्यूवबेल से भी डेढ़ एमएल पानी ही मिल सकेगा। जो बाणियावास बांध के डेड स्टोरेज से मिल रहे पानी से करीब एक से दो एमएल तक कम है। ऐसे में अब शहरवासियों को बरसात आने तक ओर अधिक मित्वययता से पानी का उपयोग करना होगा।
बाणियावास में पानी खत्म होने के आसार नजर आते ही जलदाय विभाग की ओर से खेतावास में अलग-अलग जगह पर आठ ट्यूबवेल खोदे गए थे। जिनसे अब पाली शहर में जलापूर्ति के लिए पानी लेने की कवायद की जा रही है। इन ट्यूवबेल से भी डेढ़ एमएल पानी ही मिल सकेगा। जो बाणियावास बांध के डेड स्टोरेज से मिल रहे पानी से करीब एक से दो एमएल तक कम है। ऐसे में अब शहरवासियों को बरसात आने तक ओर अधिक मित्वययता से पानी का उपयोग करना होगा।
पानी आपूर्ति का कर रहे प्रयास
जाडन की एक माइंस से अभी तक सोजत को पानी दे रहे थे। अब उससे भी पाली के लिए पानी लेंगे। इसके अलावा अन्य स्रोतों से भी पानी की व्यवस्था की जा रही है। जिससे जलापूर्ति प्रभावित नहीं हो। –मनीष माथुर, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग, पाली
जाडन की एक माइंस से अभी तक सोजत को पानी दे रहे थे। अब उससे भी पाली के लिए पानी लेंगे। इसके अलावा अन्य स्रोतों से भी पानी की व्यवस्था की जा रही है। जिससे जलापूर्ति प्रभावित नहीं हो। –मनीष माथुर, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग, पाली
अब जरूरत से कम मिलेगा पानी
20-22 एमएल पानी की अभी पाली को रोजाना जरूरत
16 एमएल पानी ही मिल पाएगा अब सभी स्रोतों से
6 एमएल पानी आ रहा है वाटर ट्रेन से
6 एमएल पानी जाडन की दो माइंस से
1.50 एमएल पानी अब लिया जाएगा ट्यूवबेल से
2.50 एमएल पानी लिया जाएगा स्थानीय स्रोतों से
20-22 एमएल पानी की अभी पाली को रोजाना जरूरत
16 एमएल पानी ही मिल पाएगा अब सभी स्रोतों से
6 एमएल पानी आ रहा है वाटर ट्रेन से
6 एमएल पानी जाडन की दो माइंस से
1.50 एमएल पानी अब लिया जाएगा ट्यूवबेल से
2.50 एमएल पानी लिया जाएगा स्थानीय स्रोतों से