कस्बेवासियों को पर्याप्त जलापूर्ति मुहैया कराने के लिए जलदाय विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने वर्ष 2017 में पांच करोड़ रुपए की पेयजल योजना का प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा था। जिसमें जलदाय विभाग परिसर तथा कस्बे से सटी कपुड़ी ढाणी में नई टंकी निर्माण कराने के साथ ही पूरे कस्बे में नई पाइप लाइन बिछाना था। इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली। जिससे योजना अटक गई।
जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया को सरकार ने अब नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए हैं। इसे लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस प्रस्ताव को मंजूरी ये सरकार पर ही निर्भर करता है।
कस्बे में जलापूर्ति लूनी बांध में जलापूर्ति के लिए आरक्षित पानी से की जा रही है। विभाग के पास लवाचा में कुएं हैं। विभाग के पास स्टोरेज के लिए सिर्फ हरिपुर में टंकी है। जिसे भरकर बारी-बारी से कस्बे के अलग-अलग जोन में 72 घण्टे के अंतराल में जलापूर्ति की जाती है। सरकारी कुओं के जलस्तर में गिरावट आ चुकी है। कस्बे के बस स्टैंड के पास विभाग के कार्यालय परिसर में जलापूर्ति के लिए टंकी थी जो जर्जर होने से उसे तीन साल पहले ही गिरा दिया था। बजट मिला नहीं तो आज तक दुबारा बनी भी नहीं। पाइप लाइन पुरानी व जर्जर हो रखी है। इससे लोगों के घरों में पानी कम दबाव व अपर्याप्त ही पहुंच पाता है। ऐसे में अब नई योजना स्वीकृत होगी तभी कस्बेवासियों को पेयजल किल्लत से निजात मिलनी सम्भव है।
दो साल पहले जो प्रस्ताव भेजा उसे खारिज कर दिया गया है। अब सरकार ने नया प्रस्ताव मांगा है। जिसे तैयार कर रहे हैं। इसे मंजूरी मिलने पर रायपुर व कपुड़ी में पानी की टंकी व कस्बे में नई लाइन बिछाएंगे। ये कार्य होने के बाद ही कस्बेवासियों को जलापूर्ति की समस्या से स्थायी रूप से निजात मिल सकेगी। -डीआर. नोगिया, एईएन, पीएचइडी, रायपुर