अभी भी फंसे हैं 150 विद्यार्थी
एक दिन पहले (Ukraine) एयरपोर्ट के पास और औद्योगिक क्षेत्र में ब्लास्ट हुआ था। नागौर जिले के पांचला सिद्धा के रहने वाले कुणाल भादू व अलवर के सार्थक ने पत्रिका के राजीव दवे को अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि घर से दिन में हर आधे घंटे में मम्मी-पापा का फोन आ रहा है। हम ऐसी जगह है, जहां से सबसे नजदीक पोलैण्ड व रोमानिया (Poland and Romania) है, लेकिन वह भी 1400 से 1500 किमी दूर है। अभी उनके बैच के करीब 140-150 विद्यार्थी भारत के यहां पर है।
एक दिन पहले (Ukraine) एयरपोर्ट के पास और औद्योगिक क्षेत्र में ब्लास्ट हुआ था। नागौर जिले के पांचला सिद्धा के रहने वाले कुणाल भादू व अलवर के सार्थक ने पत्रिका के राजीव दवे को अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि घर से दिन में हर आधे घंटे में मम्मी-पापा का फोन आ रहा है। हम ऐसी जगह है, जहां से सबसे नजदीक पोलैण्ड व रोमानिया (Poland and Romania) है, लेकिन वह भी 1400 से 1500 किमी दूर है। अभी उनके बैच के करीब 140-150 विद्यार्थी भारत के यहां पर है।

पाली में निवास कर रही यूक्रेन की स्वेतलाना की आंखों से आंसू है कि रुक ही नहीं रहे। शुक्रवार को जब जंग बढ़ गई तो उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए अपनी मां से बात की तो उनकी आंखों से अश्रुधारा बह चली। डॉ. अखिलेश पुरोहित की पत्नी यूक्रेन(Ukraine) निवासी स्वेतलाना के अनुसार पिछले तीन दिनों से उसके परिजन मकान के अंडर ग्राउंड में बने बंकर में रह रहे हैं। उन्होंने अपनी मां और बहन को इंडिया आने का कहा था, लेकिन उनकी मां व बहन ने यूक्रेन छोडऩे से इनकार कर दिया।