scriptअपणायत : मैंने तो अपना धर्म निभाया, यह कोई बड़ा काम नहीं | elderly woman had left her bed for the young in Pali | Patrika News

अपणायत : मैंने तो अपना धर्म निभाया, यह कोई बड़ा काम नहीं

locationपालीPublished: May 09, 2021 12:47:46 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-युवा के लिए छोड़ दिया था अपना बेड, उसके करीब एक घंटे बाद मिला था लेहर कंवर को बेड

अपणायत : मैंने तो अपना धर्म निभाया, यह कोई बड़ा काम नहीं

अपणायत : मैंने तो अपना धर्म निभाया, यह कोई बड़ा काम नहीं

पाली। मैंने तो अपना धर्म निभाया है, यह कोई बड़ा काम नहीं है…, मेरा बेटा होता तो क्या मैं एेसा नहीं करती…। यह कहना है राणा गांव की रहने वाली लेहर कंवर (60 वर्ष) का। जिन्होंने 7 मई को कोविड ओपीडी में बेड मिलने के बाद उसे अपने से अधिक गंभीर युवक डेंडा गांव के रहने वाले बाबूलाल पुत्र उदाराम घांची (43 वर्ष) के लिए छोड़ दिया था।
हालांकि उनका यह त्याग बाबूलाल की जान नहीं बचा सका, लेकिन लेहर कंवर ने यह सीख जरूर दी कि विपदा की इस घड़ी में सेवा का एक क्षण भी नहीं गंवाना चाहिए।

अस्पताल में भर्ती लेहर कंवर व उनके पति भंवरसिंह को शनिवार शाम तक इस बात की जानकारी तक नहीं थी कि उन्होंने जिस युवक के लिए बेड छोड़ा था। वह संसार को अलविदा कह चुका है। उनके मन में तो एक संतोष था कि वे विपदा में किसी के काम आए।
बेड छोड़ते समय उनके साथ रहे किशोर सोमनानी ने बताया कि लेहर कंवर की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उनका ऑक्सीजन लेवल 98 पर रहा है। वे पहले की तुलना में काफी स्वस्थ भी लग रही थी।
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