सरकारी स्कूलों में नामांकन बढऩे का बड़ा कारण यह है कि अभिभावक बच्चों को बस या अन्य बाल वाहिनियों से अब दूर के स्कूलों में नहीं भेजना चाह रहे हैं। उन्हें बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता है। ऐसे में वे घरों से दूर स्थित निजी स्कूलों के बजाय बच्चों का प्रवेश सरकारी विद्यालयों में करवा रहे है। दूसरा कारण कई प्रवासी अब गांवों में रहने लगे है। उन्होंने भी बच्चों का प्रवेश सरकारी स्कूलों में करवाया है।
पिछले साल सरकारी विद्यालयों में 2 लाख 49 हजार 851 विद्यार्थी थे। इनमें से 1 लाख 23 हजार 839 छात्र व 1 लाख 26 हजार 12 बालिकाएं थी। इस वर्ष 31 जनवरी तक जिले में दो लाख 71 हजार 822 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। स्कूलों में जनवरी माह में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
कोरोना के बाद गांवों से तीन-चार किलोमीटर दूर होने वाले बच्चों को उनके अभिभावक अब निजी या दूर के स्कूल के बजाय सरकारी स्कूल में प्रवेश दिला रहे है। सरकारी स्कूलों में अधिक जगह और कोरोना गाइड लाइन का सख्ती से पालन होने के कारण भी अभिभावकों का रुझान बढ़ा है। –सोहन भाटी, सहायक निदेशक, शिक्षा मण्डल, पाली
विद्यालय स्तर: कुल विद्यालय-विद्यार्थी
माध्यमिक व उच्च माध्यमिक: 488-164311
राप्रावि व राउप्रावि: 1249- 107511
केजीबीपी: 09- 780