जैतपुरा मंदिर में पन्यास धर्मशीलविजय, गणि जयकीर्ति विजय, मुनि लक्ष्मीचंद विजय, मुनि मोक्षानंद विजय, मुनि पदमशील विजय, मुनि श्रुतानंद विजय, मुनि ज्ञानानंद विजय, मुनि तत्वानंद विजय, साध्वी पूर्ण प्रज्ञा, साध्वी चित्त प्रज्ञा, साध्वी हर्षित प्रज्ञा, साध्वी दिव्य प्रज्ञा, साध्वी दर्शन प्रज्ञा, साध्वी रश्मि प्रज्ञा ने प्रवेश किया। इस मौके रानी, खौड़, पाली व जैतपुरा के कुछ ट्रस्टी मौजूद थे।
हाथी-घोड़ा मंदिर में किए दर्शन चातुर्मास प्रवेश के बाद गणि जयकीर्ति विजय, ज्ञानानंद विजय चातुर्मास के दौरान पयुर्षण पर्व की आराधना कराने से पूर्व का अनुष्ठान करने के लिए पाली आए। उन्होंने हाथी घोड़ा मंदिर में भगवान के दर्शन कर आत्मवल्लभ जैन उपाश्रय में अनुष्ठान किया। इसके बाद नवलखा मंदिर में भगवान के दर्शन किए। वहां जैन संत शीतरत्न विजय के स्वास्थ्य की जानकारी ली। संत शुक्रवार सुबह समुद्र विहार में दर्शन कर फिर जैतपुर के लिए विहार करेंगे।