अतिरिक्त जिला कलक्टर वीरेन्द्रसिंह चौधरी, जिला परिषद सीइओ प्रहलाद सहाय नागा, प्रदूषण नियंत्रण मंडल आरओ अमित शर्मा, जिला उद्योग केन्द्र महाप्रबंधक रज्जाक मोहम्मद, इन्द्रप्रस्थ गैस के उपाध्यक्ष अजय त्यागी व राजस्थान परियोजना समन्वयक सोमिल गर्ग ने कार्यशाला का शुभारंभ किया।
मुख्य प्रबंधक नितिन वैष्णव ने शहरी गैस परियोजना की विस्तृत जानकारी देते हुए प्राकृतिक गैस के फायदे, सुरक्षा एवं उपयोग के बारे में जानकारी दी। इस दौरान जनरेटर एवं बॉयलर के गैस पर विस्थापन के बारे में अनुभवी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने जानकारी साझा की। इस दौरान सीइटीपी सचिव अरुण जैन, आरटीएचपी अध्यक्ष विनय बंब, सीइटीपी निदेशक रंगराज मेहता, उद्यमी कमलेश गुगलिया, नवीन मेहता, इन्द्रप्रस्थ कंपनी के मेघराजसिंह कंवलाद समेत कई लोग मौजूद रहे।
उद्यमियों ने पूछा, लागत कितनी आएगी
उद्यमियों ने कई सवाल किए। उन्होंने पूछा कि कोयले की जगह गैस काम में लेने के लिए बॉयलर्स में किस प्रकार के बदलावों की आवश्यकता होगी। इमसें कितनी लागत आएगी। कुछ उद्यमियों ने डीजल जनरेटर को गैस में बदलने में आने वाले खर्च के बारे में जानकारी ली। इंद्रप्रस्थ के उपाध्यक्ष त्यागी व राजस्थान परियोजना समन्वयक गर्ग ने सभी उद्यमियों के सवालों का जवाब दिया। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आरओ अमित शर्मा ने कहा कि सवालों के जवाब सभी उद्यमियों से साझा किए जाएं। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सैय्यद रज़ाक अली ने भी कार्यशाला की सराहना करते हुए उद्यमियों को प्राकृतिक गैस की सार्थकता बताई।
उद्यमियों ने कई सवाल किए। उन्होंने पूछा कि कोयले की जगह गैस काम में लेने के लिए बॉयलर्स में किस प्रकार के बदलावों की आवश्यकता होगी। इमसें कितनी लागत आएगी। कुछ उद्यमियों ने डीजल जनरेटर को गैस में बदलने में आने वाले खर्च के बारे में जानकारी ली। इंद्रप्रस्थ के उपाध्यक्ष त्यागी व राजस्थान परियोजना समन्वयक गर्ग ने सभी उद्यमियों के सवालों का जवाब दिया। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आरओ अमित शर्मा ने कहा कि सवालों के जवाब सभी उद्यमियों से साझा किए जाएं। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सैय्यद रज़ाक अली ने भी कार्यशाला की सराहना करते हुए उद्यमियों को प्राकृतिक गैस की सार्थकता बताई।
उद्योगों का होगा सर्वे औद्योगिक प्रबंधक नरेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि तकनीकी एक्सपर्ट की टीम द्वारा शहर के औद्योगिक क्षेत्र का सर्वे कराया जाएगा। राजधानी दिल्ली के उद्योगों में प्राकृतिक गैस से औद्योगिक इकाइयां सफलता पूर्वक संचालित की जा हरी है। इसी तरह पाली में भी प्राकृतिक गैस का उपयोग किया जाएगा।