पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने राजस्थान में महिलाओं, युवतियों की सुरक्षा एवं कानून के प्रति जागरूकता लाने, उनकी समस्याओं के समाधान में स्थानीय पुलिस से संवाद स्थापित करने के लिए प्रत्येक थाना क्षेत्र में सुरक्षा सखी के गठन करने के आदेश जारी किए है। इसमें महिलाओं एवं नाबालिग बालिकाएं से संबंधित समस्या व उनसे संबंधित अपराध की रोकथाम के लिए पुलिस से सकारात्मक संवाद स्थापित किया जा सकेगा। इसकी सदस्यता खुली होगी। कोई भी किसी भी समाज वर्ग की महिलाएं, युवती, बालिका, जिसकी आयु 15 से 70 साल तक हो वह सदस्य बन सकेगी।
सखी सदस्य की सूचना पर पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी। सखी सदस्य पुलिस व महिलाओं के बीच संवाद स्थापित करने के साथ उनके साथ होने वाले कोई भी दुव्र्यवहार, अपराध की सूचना देंगी। संदिग्ध व्यक्तियों के आवागमन, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीडऩ, बाल विवाह, गुमशुदा बेटियों, मादक पदार्थों के सेवन, स्कूल कॉलेज में किसी भी प्रकार की अवांछनीय गतविधियों की जानकारी पुलिस को देंगी। पुलिस इन पर तुरंत कार्रवाई करेगी।
सुरक्षा सखी की प्रत्येक थाना पर माह में मीटिंग होगी। थानाधिकारी इसकी अध्यक्षता करेंगे। मीटिंग का अलग से रजिस्टर बनाया जाएगा। थाना स्तर पर एक महिला पुलिसकर्मी इसका नोडल अधिकारी होगी। प्रत्येक मीटिंग में तय निर्धारित मुद्दों की वरिष्ठ अधिकारी समीक्षा करेंगे। सीओ स्तर के अधिकारी प्रत्येक माह सखी सुरक्षा की बैठक का पर्यवेक्षण करेंगे। तीन माह में एक बार स्वयं मीटिंग में उपस्थित होंगे। छह माह में एक बार एसपी स्तर के अधिकारी भी बैठकों में उठाए मामलों की समीक्षा व गति का विश्लेषण करेंगे।
डीजीपी के निर्देश सुरक्षा सखी गठन के सम्बंध में मिले है। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। महिलाओं व पुलिस के बीच सुरक्षा सखी कड़ी बनेगी। इससे महिला सम्बंधी अपराधों में पुलिस को काम करने में मदद मिलेगी। – कालूराम रावत, पुलिस अधीक्षक, पाली।