बांगड़ अस्पताल के आइसीयू में कोरोना के कहर से पहले 8 बेड थे। वेंटिलेटर तो चार ही थे। आज यहां आठ बेड और 10 वेंटिलेटर उपलब्ध है। वेंटिलेटर का छोटा रूप कहा जा सकने वाली बाई पेप मशीन एक भी नहीं थी, अब 17 मशीन पश्हुंच चुकी है। ऑक्सीजन सिलेण्डर भी महज 20 बड़े व 50 छोटे थे। आज बड़े सिलेण्डर की संख्या 40 तक पहुंच गई है। आइसीयू के लिए 20 नए बैड भी खरीदे जा चुके हैं।
अस्पताल में डिजिटल एक्सरे मशीन लम्बे समय से खराब थी। अस्पताल प्रशासन कई बार मांग कर चुका था, लेकिन प्रभाव नहीं हुआ। अब कोरोना के कहर के साथ दो डिजिटल एक्स-रे मशीन पहुंच गई है। इनमें से एक ट्रोमा सेन्टर पर व एक चिकित्सालय में रखी गई है। तीन पोट्रेबल एक्सरे मशीन भी मंगवाई गई है।
कोरोना से लडऩे के लिए प्रशासन के साथ सरकार की ओर से काफी सहायता मिली है। जनप्रतिनिधियों ने भी सहयोग किया है। एक्सरे, सोनोग्राफी के साथ अन्य मशीने मिली है। इससे उपचार में सुविधा मिल रही है। –डॉ. राजेन्द्र अरोड़ा, पीएमओ, बांगड़ चिकित्सालय, पाली
-कोरोना ओपीडी बनाकर उसमें संक्रमितों के सैम्पल लेने की व्यवस्था के चैम्बर बनाए गए
-कोरोना के लिए 11 वार्ड तैयार किए गए
-कोरोना जांच के लिए 2.7 करोड़ से कॉलेज में लैब का निर्माण
-कपड़े धोने के लिए आधुनिक वॉशिंग मशीन मिली
-अस्पताल में नई पाइप लाइन बिछाकर 120 नए ऑक्सीजन पोइंट बनाए गए है। इसके लिए कलक्टर ने 23 लाख दिए
-बच्चों व बड़ों के गलों में फंसी चीजे निकालने के लिए इसो फेको स्कोप मशीन 14 लाख में लगाई गई
-70 लाख रुपए से कोविड ऑपरेशन थिएटर तैयार किया गया
-ब्रॉको स्कोप मशीन लगाई। यह फेफड़ों की बीमारियों में उपयोग की जाती है
-पोट्रेबल सोनोग्राफी मशीन का ऑर्डर कर दिया गया है, इसके लिए कलक्टर ने 14 लाख रुपए दिए।
-दिव्यांगों के लिए ऑडियो मेट्री मशीन, यह आने पर श्रवण बाधितों को जोधपुर नहीं जाना होगा।
-ऑक्सीजन प्लांट लगाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। सिलेण्डरों पर निर्भरता समाप्त होगी।