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अब अगर झूठी शिकायत की तो होगी जेल, पढि़ए पूरी खबर

locationपालीPublished: Nov 05, 2018 05:06:26 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-चुनाव आयोग ने जारी किया नया आदेश-वीवीपेट मशीन की झूठी शिकायत करने पर होगी जेल

Fake complaint of VVPET machine be will jail

अब अगर झूठी शिकायत की तो होगी जेल, पढि़ए पूरी खबर

पाली। राज्य में इस बार सात दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में पहली बार वीवीपेट मशीन का उपयोग किया जाएगा। लेकिन, मतदान के दौरान किसी मतदाता ने मशीन में गड़बड़ी को लेकर झूठी शिकायत की तो उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।
जिला निर्वाचन अधिकारी सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में इस बार विधानसभा चुनाव में पहली बार वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानि वीवीपेट मशीन का भी उपयोग किया जाएगा। वीवीपेट मशीन की प्रक्रिया के तहत मतदाता अपनी पसंद के उ मीदवार को वोट डालने की पुष्टि वीवीपेट की छपी हुई पर्ची को देखकर कर सकेंगे। लेकिन मतदाता शिकायत करता है कि उसने जिस उ मीदवार को वोट डाला है उसकी पर्ची नहीं छपी है तो इस पर पीठासीन अधिकारी के द्वारा नियम 49 एमए के तहत शिकायतकर्ता से घोषणा पत्र भरवाया जाएगा। उसी समय टेस्ट वोट (परीक्षण मतदान) की कार्रवाई की जाएगी। टेस्ट वोट की प्रक्रिया बूथ पर तैनात मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति में होगी। टेस्ट वोट में शिकायत सही पाई गई तो निर्वाचन आयोग के प्राप्त निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जिला कलक्टर शर्मा ने बताया कि शिकायत टेस्ट वोटिंग के दौरान गलत पाई गई तो आइपीसी की धारा 177 के तहत शिकायतकर्ता को मौके पर ही गिर तार किया जाएगा। चुनाव आयोग के नियमों के तहत उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाएगी। नियमों के तहत उसे सजा का प्रावधान भी है।
चुनाव ड्यूटी में लापरवाही पर प्रधानाचार्य निलम्बित
पाली। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलक्टर सुधीर कुमार शर्मा ने चुनाव कार्य में लापरवाही बरतने एवं आदेश की पालना नहीं करने पर नीपल के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य को निलम्बित किया है।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी भागीरथ बिश्नोई ने बताया कि विधानसभा आम चुनाव 2018 में सी-विजिल कार्य के लिए बाली रिटर्निंग अधिकारी की ओर से नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर प्रधानाचार्य नारायणसिंह को प्रतिनियुक्त किया था। प्रधानाचार्य ने नियंत्रण कक्ष में दी गई ड्यूटी को अपने पद की गरिमा के अनुकूल नहीं मानते हुए आदेश की पालना से स्पष्ट इनकार कर दिया। इसे गंभीरता से लेते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी ने सेवा आचरण नियम 1971 तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 का उल्लंघन मानते हुए राजस्थान सिविल सेवाएं वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियम 1958 के नियम 13 के तहत प्रधानाचार्य नारायण सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। निलम्बन काल में इनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) पाली रहेगा तथा नियमानुसाार निर्वाह भत्ता देय होगा। साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी ने देसूरी उपखंड अधिकारी को प्रकरण की विस्तृत जांच करने तथा प्रधानाचार्य के विरुद्ध निर्धारित प्रारूप में विभागीय कार्रवाई के प्रस्ताव 10 दिन में तैयार कर भिजवाने के आदेश दिए हैं।
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