script‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ : नाम, काम, डिग्रियां… सब कुछ फर्जी | Fake doctor arrested in Sadri town of Pali district | Patrika News

‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ : नाम, काम, डिग्रियां… सब कुछ फर्जी

locationपालीPublished: Apr 06, 2020 12:46:27 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-दिल्ली, हरियाणा, मुम्बई का शातिर बदमाश हैं फर्जी चिकित्सक- फर्जीवाड़ा करने में भी डिग्री हासिल-नाम बदलकर बन गया था चिकित्सक, तीन अस्पताल खोले-बेटा भी फर्जीवाड़ा करने में शामिल, पत्नी समेत फरार

‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ : नाम, काम, डिग्रियां... सब कुछ फर्जी

‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ : नाम, काम, डिग्रियां… सब कुछ फर्जी

पाली/सादड़ी। हरियाणा के बृजभूषण कौल ने तो ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ को भी मात दे दी। नाम, काम, डिग्रियां सब कुछ फर्जी…। फालना, सादड़ी और सुमेरपुर में अस्पताल चलाने वाला राजेन्द्र जे पाल का असली नाम बृजभूषण कौल है। पुलिस रिमांड पर चल रहे आरोपी से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। गौरतलब है कि चिकित्सा विभाग द्वारा तीन दिन पूर्व जांच-पड़ताल में फर्जी चिकित्सक के कारनामे का भंडाफोड़ हुआ था।
फालना, सादड़ी व सुमेरपुर में मां आशापुरा मल्टीस्पेशिलिटी नाम से तीनों अस्पताल का संचालक राजेन्द्र जे पाल फर्जी चिकित्सक निकला। दिल्ली, मुम्बई व हरियाणा से फरार शातिर बदमाश कौल के विरुद्ध फर्जी दस्तावेज निर्माण, धोखाधड़ी, दहेज प्रताडऩा सहित कई प्रकरण दर्ज हैं। आरोपी फर्जी दस्तावेज से नाम बदल कर तीन कस्बों में अस्पताल चलाकर मरीजों से मुंह मांगी कीमत ऐंठ रहा था। तहकीकात में पता चला कि यह हरियाणा के अम्बाला निवासी बृजभूषण कौल पुत्र विद्यालाल कौल हैं जो वर्ष 2010-11 में नई दिल्ली में रह रहा था। इसी दौरान राजेन्द्र जे पाल नाम से उसने फर्जी वोटर आइडी, पेनकार्ड, आधार काडऱ् बना लिए।
दिल्ली में भी उसने कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की। जिसके विरुद्ध कई प्रकरण दर्ज है। बचने के लिए उसने खुद का और पिता का नाम बदल लिया था। दिल्ली से ऑन लाइन 40 हजार रुपए में खुद और बेटे वरुण के लिए पूना विश्वविद्यालय से एमबीबीएस व मुम्बई विश्वविद्यालय से एमडी की फर्जी डिग्री हासिल की। यहां से देहरादून, सामली, सोनीपत, कैथल, नरवाना, पानीपत सहित विभिन्न जगह चिकित्सक बनकर मरीजों का उपचार किया। इस प्रकरण में उप अधीक्षक हिमांशु जांगिड़, फालना थानाधिकारी अशोक
चारण व सादड़ी थानाधिकारी गिरधरसिंह भाटी पड़ताल कर रहे हैं।
काले कारनामों से बचने पकड़ी राजस्थान की राह
बाप-बेटा अपने काले कारनामों से बचने के लिए राजस्थान आ गए। यहां ब्रह्माकुमारी अस्पताल माउंट आबू में सम्पर्क किया, लेकिन नौकरी नहीं मिल पाई। तत्पश्चात वह सुमेरपुर स्थित भगवान महावीर अस्पताल में वर्ष 2018 में एमडी बनकर 11 महीने आंखों में धूल झोंकता रहा। वर्ष 2019 में उसने सुमेरपुर में डीआर मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल खोल दिया। सम्पर्क व पहचान बढ़ाकर उसने फालना व सादड़ी में भी अस्पताल शुरू किए। अस्पताल में लैब, दवाइयां, उपकरण सहित विविध सामग्री खरीद में भी कई लोगों से धोखाधड़ी से निवेश करवाया।
बेटा भी नाम बदलकर कर रहा काम
कौल का बेटा वरुण भी फर्जीवाड़े में पूरा भागीदार है। वह मनीष चढ्ढा नाम से डॉक्टर बना हुआ था। जबकि उसका असली नाम मनीष कौल है। बाप-बेटे के कारनामों का पर्दाफाश होने के बाद बेटा पत्नी सहित फरार हो गया। बृजभूषण का पुत्र वरूण जनवरी माह में मुम्बई में दर्ज मुकदमे से बचने के लिए फालना आया।
गाड़ी पर लगाई फर्जी नंबर प्लेट
फर्जीवाड़े के उस्ताद कौल की कार की नंबर प्लेट भी फर्जी पाई गई है। उसके पास तीन गाडिय़ां है। जिसमें एक कार के नंबर फर्जी पाए गए। फालना, सादड़ी व सुमेरपुर में इनके खिलाफ तीन प्रकरण दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है। पुलिस कौल की पूरी कुंडली खंगाल रही है। इसमें कई और भी खुलासे होने की संभावना है। पुलिस रिमांड पर चले आरोपी कौल को सोमवार को वीसी के जरिए न्यायालय में पेश किया जाएगा।
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