चारण व सादड़ी थानाधिकारी गिरधरसिंह भाटी पड़ताल कर रहे हैं।
बाप-बेटा अपने काले कारनामों से बचने के लिए राजस्थान आ गए। यहां ब्रह्माकुमारी अस्पताल माउंट आबू में सम्पर्क किया, लेकिन नौकरी नहीं मिल पाई। तत्पश्चात वह सुमेरपुर स्थित भगवान महावीर अस्पताल में वर्ष 2018 में एमडी बनकर 11 महीने आंखों में धूल झोंकता रहा। वर्ष 2019 में उसने सुमेरपुर में डीआर मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल खोल दिया। सम्पर्क व पहचान बढ़ाकर उसने फालना व सादड़ी में भी अस्पताल शुरू किए। अस्पताल में लैब, दवाइयां, उपकरण सहित विविध सामग्री खरीद में भी कई लोगों से धोखाधड़ी से निवेश करवाया।
कौल का बेटा वरुण भी फर्जीवाड़े में पूरा भागीदार है। वह मनीष चढ्ढा नाम से डॉक्टर बना हुआ था। जबकि उसका असली नाम मनीष कौल है। बाप-बेटे के कारनामों का पर्दाफाश होने के बाद बेटा पत्नी सहित फरार हो गया। बृजभूषण का पुत्र वरूण जनवरी माह में मुम्बई में दर्ज मुकदमे से बचने के लिए फालना आया।
फर्जीवाड़े के उस्ताद कौल की कार की नंबर प्लेट भी फर्जी पाई गई है। उसके पास तीन गाडिय़ां है। जिसमें एक कार के नंबर फर्जी पाए गए। फालना, सादड़ी व सुमेरपुर में इनके खिलाफ तीन प्रकरण दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है। पुलिस कौल की पूरी कुंडली खंगाल रही है। इसमें कई और भी खुलासे होने की संभावना है। पुलिस रिमांड पर चले आरोपी कौल को सोमवार को वीसी के जरिए न्यायालय में पेश किया जाएगा।