खेत तलाई से सोना उगल रही जमीनें, किसानों की बल्ले-बल्ले
- जिले भर में 700 किसान खेत तलाई से बूंद-बूंद सिंचाई [ Droplet irrigation ] से ले रहे फसल
- लघु व सीमांत किसानों को काफी फायदा

पाली। खेत तलाई योजना [ Farm frying scheme ] किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। जिले में करीब 700 किसान खेत तलाई से खरीफ व रबी की फसल [ Kharif and Rabi crops ] ले रहे हैं। बारिश [ Monsoon rain ] के दिनों में यह खेत तलाई भर जाती है। अच्छी बारिश होने पर किसान खेत तलाई का पानी रबी की फसल के लिए काम में लेते है। खरीफ फसल के अंतिम दिनों में बारिश नहीं होती है और फसल को पानी की जरूरत होती है तब किसान खेत तलाई से खरीफ फसल को भी पानी की सिंचाई करते है। किसान अपनी सुविधानुसार खेत तलाई का पानी काम में ले रहे हैं।
सात हजार बीघा जमीन लाभान्वित
जिले भर में करीब 700 खेत तलाई बनी हुई है। एक खेत तलाई में 12 लाख लीटर बारिश का पानी एकत्रित होता है। 12 लाख लीटर पानी में करीब 7 बीघा जमीन की सिंचाई आसानी से हो जाती है। इस हिसाब से जिले में करीब 7 हजार बीघा जमीन खेत तलाई से सिंचाई हो रही है।
नहीं होता पानी का रिसाव
कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एक खेत तलाई पर एक लाख रुपए की लागत आती है। 80 फीट चौड़ी व 80 फीट लम्बी व 10 फीट गहरी खेत तलाई की खुदाई होती है। इसमें प्लास्टिक की सीट बिछा दी जाती है। जिससे पानी का रिसाव नहीं होता है। इस में करीब 12 लाख लीटर बारिश का पानी एकत्रित हो जाता है। किसान को एक खेत तलाई पर 63 हजार रुपए का सरकार की ओर से अनुदान मिलता है।
दोनों फसलों की पैदावार लेता हूं
मेरे बेरे पर खेत तलाई बनी हुई है। खरीफ की फसल में पानी की आवश्कयता होती है तो खरीफ फसल सिंचाई कर लेता हूं। खरीफ में अच्छी बारिश होती है तो रबी की फसल में पानी काम में लेता हूं। खेत तलाई से बारिश का पानी एकत्रित हो जाता है। बारिश के पानी से जमीन भी खराब नहीं होती है। जमीन भी उपजाऊ होती है। -मांगूसिंह किसान, ठाकुरला
खेत तलाई से किसानों को फायदा
खेत तलाई से किसानों को काफी फायदा हो रहा है। किसान अपनी सुविधा के हिसाब से खरीफ व रबी की फसल को पानी देता है। एक खेत तलाई से किसान 7 बीघा में आसानी से पानी सिंचाई कर लेता है। छोटे किसानों के लिए तो यह वरदान साबित हो रही है। -डॉ. मनोज अग्रवाल, सहायक निदेशक कृषि विभाग विस्तार पाली
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