हर साल मारवाड-गोडवाड़ में मानसून पूर्व एक-दो बारिश होने के साथ ही किसान खेतों में पहुंचना शुरू हो जाते हैं। इस बार भी मानसून पूर्व हुई बारिश के बाद किसान अपने परिवार के साथ खेतों में पहुंचना शुरू हो गए हैं। जहां अनुपयोगी झाडिय़ां हटाकर खेतों की सफाई करना शुरू कर दिया है। इस बार मौसम विभाग की ओर से सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना के साथ किसानों को भी अच्छी फसल होने की उम्मीद जगी है। किसानों ने भी अभी से ही खेतों में सफाई का काम शुरू कर दिया है। ट्रेक्टर रिपेयरिंग व पाट्र्स की दुकानों पर भी इन दिनों अच्छी ग्राहकी हैं। केन्द्र सरकार द्वारा उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ाने से भी किसानों में हर्ष है।
श्रमिकों की बढ़ी मांग
लॉकडाउन के बाद से अधिकांश श्रमिक काम धंधे बंद होने के कारण अभी तक बेरोजगार बैठे हैं। निर्माण कार्य भी कम संख्या में चलने के कारण श्रमिक रोजगार की तलाश में थे। ऐसे में क्षेत्र में मानसून पूर्व तीन बार अच्छी बारिश होने से किसान खरीफ फसल की तैयारियों में जुट गए। जिससे श्रमिकों की मांग बढ़ गई। गत साल जहां दो सौ रुपए प्रतिदिन मजदूरी पर श्रमिक मिल जाते थे। इस बार तीन से चार सौ रुपए प्रतिदिन की मजदूरी पर मिल रहे हैं। डीजल के भाव बढऩे से ट्रेक्टर चालकों ने भी प्रति घंटा दर बढ़ा दी है।
लॉकडाउन के बाद से अधिकांश श्रमिक काम धंधे बंद होने के कारण अभी तक बेरोजगार बैठे हैं। निर्माण कार्य भी कम संख्या में चलने के कारण श्रमिक रोजगार की तलाश में थे। ऐसे में क्षेत्र में मानसून पूर्व तीन बार अच्छी बारिश होने से किसान खरीफ फसल की तैयारियों में जुट गए। जिससे श्रमिकों की मांग बढ़ गई। गत साल जहां दो सौ रुपए प्रतिदिन मजदूरी पर श्रमिक मिल जाते थे। इस बार तीन से चार सौ रुपए प्रतिदिन की मजदूरी पर मिल रहे हैं। डीजल के भाव बढऩे से ट्रेक्टर चालकों ने भी प्रति घंटा दर बढ़ा दी है।