scriptटमाटरों व फूलों की फसल ने किसानों के आंसू निकाले | Farmers suffering from tomato and flower crops in Pali | Patrika News

टमाटरों व फूलों की फसल ने किसानों के आंसू निकाले

locationपालीPublished: Apr 07, 2020 04:40:42 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

– टमाटरों की बंपर पैदावार, तुड़ाई के रुपए भी नहीं मिल रहे- वाहन नहीं मिलने से मंडियों तक टमाटर नहीं पहुंचा पा रहे किसान

टमाटरों व फूलों की फसल ने किसानों के आंसू निकाले

टमाटरों व फूलों की फसल ने किसानों के आंसू निकाले

पाली। लॉकडाउन ने प्रदेश में सर्वाधिक मुसीबत किसानों की बढ़ा दी। खेतों में खड़ी उपज कटवाने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। अब सब्जियों को मंडियों तक पहुंचाने के लिए लोडिंग वाहन भी नहीं मिल रहे है। ऐसी स्थिति में किसान जाएं तो कहां। इन दिनों जिले में टमाटरों व सब्जियों की बम्पर पैदावार होने के बाद भी किसान पाई-पाई को मोहताज हो गया है। किसानों को टमाटरों के दाम मंडी में दो से तीन रुपए प्रति किलो मिल रहे है। किसानों को टमाटर तुड़ाई के रुपए भी नहीं मिल रहे है। टमाटर की फसल ने किसानों के आंसू निकाल दिए है। किसानों ने मजबूरी में टमाटरों को मवेशियों को खिलाना शुरु कर दिया है।
फूलों व टमाटर के दो से तीन रुपए किलो मिल रहे दाम
इस बार फूलों व टमाटरों की बम्पर पैदावार हुई है। किसानों को मंडी में टमाटरों के 2 से 3 रुपए मिल रह हैं तो फूलों के 3 से 4 रुपए प्रति किलो मिल रहे है। जबकि किसानों को लॉकडाउन से पहले फूलों के 35 से 40 व टमाटरों के 15 से 20 रुपए प्रति किलो के दाम मिल रहे थे। इसी तरह से किसानों को लौकी के 3, पालक के 4, फूलगोभी के 8, पत्ता गोभी के 8, बैंगन के 8 से 10 व ककड़ी के 5 से 10 रुपए प्रति किलो के दाम मिल रहे है। किसानों को फसल की लागत तो दूर तुड़ाई भी नहीं मिल रही है।
मंदिर बंद, नहीं बिक रहे फूल
लॉकडाउन के कारण इन दिनों मंदिर बंद है। इस कारण फूल नहीं बिक रहे हैं। फूलों के मंडी में 3 रुपए प्रति किलो के दाम मिल रहे है। जबकि पहले ये फूल 35 से 40 रुपए किलो डिमांड के साथ बिकते थे। किसानों को दाम नहीं मिलने से किसान कर्जदार हो रहे है। –मांगीलाल कीर, मानपुरा भाखरी
बर्बाद हो रहा किसान
हेमावास बांध के आस-पास इस बार सब्जियों की बम्पर पैदावार हुई है। लेकिन इसके बावजूद भी किसानों को लागत तो दूर की बात है, मजूदरी के रुपए नहीं मिल रहे है। लॉकडाउन से किसान पूरी तरह से बर्बाद हो रहा है। बड़े शहरों में किसानों की सब्जियों को भेजने की प्रशासन को व्यवस्था करनी चाहिए। –राजू कीर, मानपुरा भाखरी
किसानों को परेशानी नहीं आने देंगे
किसान अपनी उपज को दूसरे जिलों की मंडियों में बेचने के लिए जाते है, तो उनके लिए वाहनों को सेनेटाइजर व स्वीकृति प्रशासन से जारी करवांऐ। किसानों को परेशानी नहीं आने देंगे। –रामाअवतार, सहायक निदेशक, उद्यान विभाग पाली
रोजाना 12 से 15 टन टमाटर पहुंच रहे मंडी में
मानपुरा भाखरी व हेमावास बांध से मंडी में रोजाना 12 से 15 टन टमाटर पहुंच रहे है। इसके अलावा सब्जियां भी पहुंच रही है। करीब 300 किसानों ने टमाटर व हरी सब्जियों की बुवाई कर रखी है। किसानों से मंडी में थोक विक्रेता 2 से 3 रुपए में खरीद कर आगे 5 रुपए प्रति किलो बेचते है। रिटेल में यह टमाटर 10 रुपए प्रति किलो में बिक रहे है। दाम नहीं मिलने से 300 किसान परिवारों के सामने रोजी रोटी के लाले पड़ गए है।
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